♢ योग का जीवन में महत्व ♢
जीवन की कठिन दिनचर्या,
रोजगार में व्यस्त जन जन,
जुड़ें अतिरिक्त प्रयोग जो दें,
जीवन लाभ कहलायें योग ।
तन को रखें स्वस्थ,
करें आसन प्राणयोग,
मन को बनायें स्वच्छ,
सीखें ध्यान योग ।
सनातन हमें सिखाता,
तन मन धन से करें,
मनोयोग हो सबका,
कौशल है कर्मयोग ।
साहित्य ज्ञान विज्ञान का,
गुण विशेष है इन्सान का,
योग सुयोग बनाता है,
मन आत्मा से जीवन का।
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण - इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...
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