हलमुखी छन्द

  विधा ◆हलमुखी छंद◆

विधान~
[ रगण नगण सगण]
(212  111  112 )
9वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]

राम को नमन करिये।
पाप से मनहिं डरिये।।
क्रोध लोभ सब हरिये।
ज्ञान ध्यान सब तरिये

✍  डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

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