धार छन्द
विधान- मगण लघु =4वर्ण
चार चरण, दो- दो चरण समतुकान्त ।
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सीखा मंत्र।
पाया तंत्र।
तेरा गीत।
गाऊँ मीत।।
होली रंग।
तेरे संग।।
गोरे गाल।
होंगे लाल।।
खेलूँ आज।
खोलूँ राज।।
आओ पास।
मेटो प्यास।।
देते चैन।।
मीठे बैन।।
मेरे मित्र।
नैनों चित्र।।
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दिलीप कुमार पाठक "सरस"
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