युवा अभिमान

22/07/2016
       
   ♢ युवा अभिमान ♢

हिन्द देश के युवा  तुम ,
संस्कृति के उत्थान हो ,
रोक कोई सकता न तुमको ,   
तुम जीवन के सम्मान हो ,
क्यूं डरते हो क्यूं हटते हो ,
डगर भी तुमसे छोटी है ,
मान तुम्हारा है अनन्त, 
सबका तुम अभिमान हो। 

रोक तुम्हें सकता है कौन ,
ठान लो मन में जीत तुम ,
तुम किशोर हो सम्वर्धन के ,
मुश्किल के विध्वंश हो ,
पर्वत भी चढ़ सकते हो ,
राह सुगम बना लोगे ,
मान तुम्हारा है अनन्त ,
सबका तुम अभिमान हो ।  

पिता का सम्मान हो तुम ,
प्रतिभा कौशल का तेज हो ,
उम्मीदें आकाश सी अनन्त
होता है जीवन परिवर्तन ,
दुख का कर दो पूर्ण अन्त ,
सुख का सागर हो बसन्त ,
मान तुम्हारा है अनन्त ,
सबका तुम अभिमान हो।    

   डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल     
     
  जय हिन्द जय भारत

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