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Showing posts from December, 2017

इन्द्रव्रजा छन्द

       इन्दवज्रा छंद शिल्प~समवर्ण, चार चरण  प्रत्येक चरण में दो तगण एक जगण और अन्त में दो गुरु /११ वर्ण उदाहरण: - S S I  S S I  I S I  S S तू चाह मेरी बन जा सहारा| तेरे  बिना है  मन  बेसहारा|| आओ बन...

सायली विधा

विधा सायली दर्शन देदो मोहे ओ मेरे कान्हा प्यासी मोरी अखियाँ तुम बिन दिन नही बीते नही बीते यह रतियाँ देखो मोहे छेड़त संग की सहेली करत यही बतियाँ नैना नीर बहे तरस रही तेरे ...

रथोद्धता छन्द

  विषय-◆रथोद्धता छंद◆ विधान~ [रगण नगण रगण+लघु गुरु] (212 111 212  12) 11वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत] कामिनी हृदय हार हो रही| रागिनी सकल नेह दो सही|| भावना सरल सी बुनो यहीं| चाहतें सफल मेल है कही...

पर्वत/ गिरि /पहाड़ (साहिल)

    पर्वत/ गिरि/ पहाड़ खूब बखान किया सभी ने, अपना - अपनी भाषा में, पर्वतराज हिमालय महिमा वर्णित है अभिलाषा में| गोवर्धन की सुनी कहानी, मदरांचल की पर्वत माला, एक बना था छत्र साहस...

स्वागता छन्द

       ∆ स्वागता छंद ∆ विधान ~ [रगण नगण भगण+गुरु गुरु] ( 212  111  211   22) 11 वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत] भोर की लहर है सुखकारी| प्रेम की बहर  है  मनुहारी|| गीत है तरुण सी सुर धारा| नेह से सुखद हो ...

जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति पंजी० २२६ की वार्षिक गतिविधियाँ

जन चेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति  पंजी० २२६ की वार्षिक गतिविधियाँ  ⭕ १२ जून को समिति द्वारा प्रथम आनलाइन काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें ५० से अधिक साहित्यक...

पर्वत/ गिरि/ पहाड़ (जय जय हिन्दी)

[12/24, 10:42] ‪+91 99350 40018‬: पर्वत राज है ताज शीश का सागर पॉव पखारा है, एक से बढ़ कर एक यहां पर सुंदर सुलभ नजारा है। अपने हाथों से प्रकृति ने जैसे इसे सवारा है, सारी दुनिया से बढ़ कर यह भारत देश हमारा ह...

पर्वत विषय पर रचनाओं की समीक्षा (साहिल की कलम से)

   आज की त्वरित समीक्षा समीक्षक ~ डॉ० राहुल शुक्ल साहिल विषय ~ पर्वत/ गिरि/ पहाड़ दिनांक ~ २४/१२/२०१७ ⭕   *आ० सन्तोष कुमार प्रीत जी* वाहहहहह बेहतरीन  मुक्तक भारत की अमूल्य धरोहर ...

अमिताभ बच्चन (आ० इन्दु शर्मा दी )

महा नायक अमिताभ बच्चन बंधी  हुई  "जंजीर "है, मुह  से  निकले "शोले" "कभी खुशी कभी गम" "नसीब" अपना खोले। यह "लाल बादशाह है" या  है " राम  बलराम" "शहंशाह " मजबूर" है। "देशप्रेमी"नमक हराम" "जा...

नाखून पर दिलीप कुमार पाठक सरस जी का हास्य

विषय-नाखून हास्य का आनंद 😀🙏🏻😀 छोटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के उस पार, एक महिला को घेरे खड़े थे मुस्तण्डे चार | एक पुलिसवाला, ! एक दाड़ी वाला, एक मुछमुण्ड, एक का पता नहीं, उस...

नाखून पर किए गए सर्जन की समीक्षा (साहिल)

_त्वरित समीक्षा का प्रयास_ दिनांक - 22/12/2017 समीक्षक - डॉ० राहुल शुक्ल साहिल विषय - नख / नाखून ⭕ आ० कौशल कुमार पाण्डेय आस जी, वाहहहहह उत्तम उत्कृष्ट भाव, कुण्डली छन्द प्रतीत हो रहा है, ह...

जय जय विशेषांक विमोचन सम्मेलन का भाव भरा आमंत्रण

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 *सम्मेलन सम्मान हो, जय जय की  है आस|* *बीसलपुर कवि भोज में, साथ रचें इतिहास||* हे ! सुधिजन होता सब आओ| मधुर गीत संग - संग में गाओ| काव्य  वचन के श्रोता बनकर| अपनी प्रतिभ...

नाखून

🍁 नाखून 🍁 😃💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻😃 खून नही नाखून में, फिर भी बढ़ता जाता है| मालूम है कि धार है,फिर भी बढ़ाया जाता है| पैदा हुए शिशु में भी होता है नाखून, मर जाने के बाद भी बढ...

हायकु

      हायकु कोई तो मिले, हमसफर बने दुनिया खिलें| जल्दी से आए महफिल सजाए घर बसाए| बात अधूरी कर दो अब पूरी रहे न दूरी| नदी की धारा मिल जाए सहारा भोर का तारा|    🌹साहिल 🌺 हायकु हौसल...

Dr. Rahul Shukla "Sahil"

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अनुकूला छन्द

◆अनुकूला छंद◆ विधान~ [भगण तगण नगण+गुरु गुरु] ( 211 221 111  22 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत] हे  अविनाशी  भव-भय हारी। आन  पड़ा हूँ शरण  तिहारी।। मस्तक देवा  पुनि-पुनि नाऊँ। "सोम"सदा मैं पद रज...