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भक्ति छंद ('साहिल')

     ◆भक्ति छंद◆
विधान~[तगण यगण गुरु ]
( 221  122  2 ) 7 वर्ण, 4 चरण
[दो-दो चरण समतुकांत]

       नारी
नारी तुम हो प्यारी|
हारी दुनिया  सारी||
सेवा  सुख भी  देती|
मुद्रा कुछ क्या लेती||

       गुरु
गाऊँ गुरु की गाथा|
सोहे उनका माथा||
सेवा सुख  मैं पाऊँ|
ध्याऊँ महिमा गाऊँ||

       तारा
तारा  तुम  हो  मेरी|
सोहे  प्रतिमा  तेरी||
राही सुन लो आओ|
गाना अब तो गाओ||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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