🌹 भुजंगी छंद 🌹
विधान~
[यगण यगण यगण+लघु गुरु]
( 122 122 122 12
11वर्ण,,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]
मुझे भी सहारा दिखेगा सदा|
वही प्यार माँ का मिलेगा सदा||
बसी हो हमारे हिया में सदा|
दिखे दिव्य बाती दिया में सदा||
धरा धीर सी धन्य माता मिली|
जपू माँ दया दान दाता मिली||
सहे पीर सारे कुहासा घना|
उसी मौसमों में पला मैं बना||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
🌹 भुजंगी छंद 🌹
विधान~
[यगण यगण यगण+लघु गुरु]
( 122 122 122 12
11वर्ण,,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]
सदा श्याम राधा पुकारा करें|
दिनों रात आना निहारा करें||
बजे साज बंशी सुहाती मुझे|
वही ताल प्यारी सुलाती तुझे||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
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