🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻 आज की समीक्षा समय-दोपहर २बजे से शाम ६ बजे तक कि रचनाएँ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 (१)विवेक दुबे"निश्छल",,२:५९ विवेक दुबे लिखते हैं रचना हार जीत की| बताये राज़ न जाने कैस...
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ