Skip to main content

Posts

Showing posts from May, 2018

कविता कैसी होती है (साहिल)

     गीत भ्रान्ति नहीं अनुभूति थी मेरी                क्यूं तन्द्रा में सोती है एक दिन मेरे मन मे आया               कविता कैसे होती है धुआँ देखी ज्वाला देखी         उभयादिक...

कर्तव्य

       कर्तव्य बड़े बुजुर्गों ने सिखाया, गुरुओं ने भी याद कराया, कठिन डगर पर भटक न जाना अपने कर्तव्यों को निभाना |  सदा प्रज्जवलित कर्मों से, आदर्शों  के मर्मो  से, सत्य सनात...

दहेज

  दहेज बेटा बेटी एक समझकर उनको खूब पढ़ाओ जी इस दहेज के दानव को मिलकर दूर भगाओ जी| प्रेम भाव से सेवा करना, बेटी को सिखलाओ जी, सच्ची शिक्षा से बेटों को, आगे खूब  बढ़ाओ जी | बिन दहेज ...

स्वच्छता अभियान

कुछ उदाहरण ~ १) सेहत का सब रखो ध्यान| मन में मत करना अभिमान| २) सुन्दर और स्वच्छ घर बार,    रहैं निरोगी सब परिवार | ३) घर से बाहर शौच न जाओ| शौचालय अब तो बनवाओ| ४) हाथ साफ कर, आँख साफ कर सु...

मुक्तक 'साहिल'

               मुक्तक बहर-212, 212 , 212 ,212 *साथ तेरा जनम भर निभाता रहा,* *प्यार के भाव से गीत गाता रहा|* *जिन्दगी संग में यूँ ही' कटती रही,* *प्रीत की बात को गुनगुनाता रहा|* *नासमझ मैं रहा शक्ल पर मर ...

भक्ति छंद 'साहिल'

🌹  भक्ति छंद  🌹    221  122  2 7 वर्ण  4 चरण फेरे हम  ना  लेगें| कोई दुख ना देगें|| शादी बिन वो मेरी| ना  चाहूँ पल देरी|| तारा सम  है  पूजा| साथी मम ना दूजा|| साजूँ सुख मैं संगी| पाऊँ जग ना तंगी|| त...

कवि की महिमा

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 बस माहौल में रहकर, देख सुनकर, मैं भी अपनी भाषा को दो साल की उम्र से ही  बोलना सिख गया, और विद्यालय में गुरुओं एवं परिवारिक शिक्षा के द्वारा अपनी भाषा को लिखना ...

रुचि छंद (साहिल)

🌺 रुचि छंद 🌺 विधान~ [ तगण भगण सगण जगण गुरु ] (221  211  112   121   2) 13 वर्ण, 4 चरण, (यति 4-9) [दो-दो चरण समतुकांत] है  छन्द की, गुन महिमा बड़ी यहाँ| है ज्ञान की, अनुपम सी कड़ी यहाँ|| मानो   यही, गुरुवर  हैं  ब...

कर्तव्य /भावना/गज़ल़ (साहिल/सरस)

       कर्तव्य बड़े बुजुर्गों ने सिखाया, गुरुओं ने भी याद कराया, कठिन डगर पर भटक न जाना अपने कर्तव्यों को निभाना |  सदा प्रज्जवलित कर्मों से, आदर्शों  के मर्मो  से, सत्य सनात...

भक्ति छन्द/भुजंगी छन्द ('साहिल')

       भुजंगी छंद विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122  122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत] मुझे भी  सहारा दिखेगा  सदा| वही प्यार माँ का मिलेगा सदा|| बसी  हो   हमारे हिया में सदा| दिखे दिव्...

तपन (साहिल)

        तपन तपन न बढ़ाओ सजन, जेठ  की  दुपहरी में, अगन न लगाओ बलम, जल्दी आओ सहरी में| रोज रोज याद तेरी, मुझको सताती है, सूरज की गर्मी सी, बढ़ती ही जाती है| रात के  सुकून  में, मिलन याद ...

गज़ल़ (साहिल) इंतहा हो गयी

212  212   212   212        🌹  गज़ल़  🌹 भागते - भागते  इंतहा हो गयी| देखते देखते वो जुदा  हो  गयी| सोचता हूँ उसी की वफा ही मिले| चाँदनी चाहतों पे  फिद़ा हो  गयी| माँगता हूँ खुदा से उसे रात दिन| मन्नतों से शिला भी बला हो गयी| कामिनी  तू बनी  रागिनी तू बनी| जिन्दगी की रवानी सजा हो गयी|        रात अब थम गयी  दिलरुबा आ गयी| संग साहिल जवानी  जँवा  हो गयी| © डॉ० राहुल शुक्ल साहिल प्रेम प्यार की भाषा लिखकर, नैना स्नेह बढ़ाते हैं| मधुर मधुर सी आशा लिखकर, प्रीतम प्रीत पढ़ाते हैं| प्रियतम तेरे  अरज  सुनेगें, जल्दी राह चुनेगें| हृदय मीत की बात समझकर, तब तक राह तकेगें| डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल' 🌺🌸🍁🌷💐👌👌💐🌷🍁🌺

चम्पकमाला छंद ('साहिल')

         🌷 चम्पकमाला छंद 🌷 विधान~ [भगण मगण सगण+गुरु] ( 211  222 112  2 ) 10 वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत] मोद मनाओ  गीत सुनाओ| प्रीत जगाओ  रीत बनाओ|| चंचल  तारा  मंद  किनारा| तू जग  में  है  प्रेम...

नन्दिनी पुस्तक विमोचन पर गीत (सरस जी)

जय जय हिन्दी विशेषांक ~नंदिनी काव्य संग्रह विमोचन कार्यक्रम को समर्पित साभार एक गीत |🌹🙏🏻🌹 सुमित पियूष का झरना झरता, करो आचमन आ मिलकर| साँझ अँधेरी हो आई है| आजा प्रियवर अब घर...

भालचन्द्र छन्द (साहिल/सोम/ सरस)

         🌹भालचंद्र छन्द 🌹 विधान~~~ जगण रगण जगण रगण जगण + गुरु लघु १२१,२१२,१२१,२१२,१२१,२१ सुनो पुकार सारथी  सुवास आस हो विकास| मिले सुभाष कामिनी सुप्रीत रास मीत प्यास|| सजे  सुहास...

मेरे मन का चैन

        मेरे मन को चैन सभी कष्ट कट जाए तो मेरे मन को चैन मिले| सदाचार आ जाए तो मेरे मन को चैन मिले| नारी का सम्मान करो शुद्ध आचरण हो ऐसा, अनाचार मिट जाए तो मेरे मन को चैन मिले| असली ...

परिचय ('साहिल')

🌹  परिचय   🌹 जन से जन का हो परिचय, जीवन पथ पर सदा विजय| मन  से मन  का हो परिचय, प्रभु का प्रतिपल करूँ विनय| मधुर  भावना  जग  जाए, नेह का अमृत मिल जाए| सरस  साधना  ममता  है, सुखद कामन...

भुजंगी छन्द/ माँ (साहिल)

🌹 *भुजंगी छंद* 🌹 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122  122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत] मुझे भी  सहारा दिखेगा  सदा| वही प्यार माँ का मिलेगा सदा|| बसी  हो   हमारे हिया में सदा| दिखे दिव्य ब...

शिक्षा का महत्व

देश की शिक्षा व्यवस्था यही है, आजकल जो बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, उसका कोई महत्व नहीं समझ में आता| शिक्षा रोजगारपरक भी नहीं है, क्या पढ़ा रहे हैं, क्यों पढ़ा रहे हैं ?  उससे बच्च...

चंचल मन (लोकगीत) दिलीप कुमार पाठक सरस जी

चंचल मन लोकगीत हमकौ दइ दे थोड़ो प्यार|~2 अब तू नाहीं कर इन्कार|| हमकौ दइ दे थोड़ो प्यार|~2    साहिल दूर खड़ो मुस्कावत| चंचल उर्मि देख ललचावत|| फैलो केतो है विस्तार| मेरी नैया है मझध...

वीना (साहिल)

🌸🌻 वीना 🌻🌸 मधुर वचन की धार है वीना, जीवन की  रसधार है  वीना, तारों सी हो  चमक चाँदनी, मुद गीतों का सार है वीना | सरस रागिनी प्यार है वीना, लहर प्रीत की नार है वीना, वीना  के  तारों...

कहानी (दिलीप कुमार पाठक सरस) सोच

कहानी ~ सोच उस दिन जाने क्या बात थी, मन बहुत विचलित था| हृदय और मस्तिष्क दोनों एक दूसरे के विरोधी हो उठे,अन्दर ज्वार भाटा आ जा रहे थे, अस्तित्व खतरे में है, यह भाँप मेैने कपड़े पह...