🙏 अकिंचन का प्रयास भी आशीर्वाद चाहता है जी😊🙏
हास्य~
😃😃😃
मोटू पतलू से कहे, तू है चूसा आम |
रस तो बाकी है नहीं, प्राण जापते राम ||😃
नहले पर दहला रखा, पतलू ने तत्काल |
बोरे जैसे तुम लगो, हवा भरी ज्यूँ खाल ||😃
मोटू फिर कहने लगा, तू कागज़ का फूल |
खुशबू तो आती नहीं, उड़ता जैसे धूल ||😃
पतलू फिर गुस्सा हुआ, बोला मोटे ढोल |
कहाँ पैर सिर है कहाँ, टोटल गोल मटोल ||😃
पतलू तो फड़-फड़ करे, मोटू गौबर ढेर |
दोनों में नाहक हुआ, बैठे ठाले बैर ||😃😃😃
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©भगत
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