नित्य नमन भगत जी

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🍁🙏🕉  नित्य नमन 🕉🙏🍁

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सुनहुँ सुजन वर कलम धर, सुत शारद प्रिय मीत |
करहुँ  नित्य  सर्जन  सुखद, श्रेयस सम  नवनीत ||

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आज रौ दुस्साहस~
यौ तन  वाराँ  भौम पर, मन स्यूँ  हो म्है पूत |
धन सुख माटी मान कै, रह्वा जिण अवधूत ||

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लक्ष्य बनाकर  जीवन  जीना, बालाजी |
गरल सकल बाधा  का  पीना, बालाजी |
सतत तरल रहकर छूना है फलक यहीं,
पाप  पुण्य  अन्तर   है  झीना, बालाजी ||

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©भगत

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