सादर सुप्रभात
🌴🌻🌺 छंद मुक्त सृजन 🌺🌻🌴
रसराज रसाल रिझाय रह्यौ
रस-रंग रुचीं रसिका राधेजू।
स्याम सखा संग सैनन सों सुख
सुंदर स्वपन सरस साधेजू।
ब्रजबास बस्यौ बड़भागनते
ब्रजराजहि बन्धन बांधेजू।
तनु तेज तपन तापै तनकूं
तब तरुण-तरावट राधेजू।।
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तेज✍
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