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मोहब्बत के शब्द

      मोहब्बत के शब्द

ज़रा शिद्दत से मुरब्बत तो कर,
ज़रा खुद़ा से मोहब्बत तो कर,
चाहेंगे जिसे वो मिल जायेगा,
ज़रा ईश्क की इबाद़त तो कर,

बिन तेरे कहीं मन, लगता नही।
बैचेनियों से कभी मैं, भगता नहीं,
जरा ओठों पे तू, मुस्कान तो लाती,
तेरी यादों में रात भर मै, जगता नही।

प्यार भरी निगाहों से मुझको सपना समझ लेना
चाहूँगा तुमको ही मैं बस मुझको अपना समझ लेना।

बड़ी शिद्दत से देखा जाए,
तो सपना पूरा भी होगा,
मोहब्बत दिल में बस जाए,
तो कोई अपना जरूर होगा।

नाम न मिटे पर याद मिट जायेगी।
उन्हें चाहकर मेरी वफा सँवर जायेगी।
सोचा यही था पर उसे समझ न आया,
अब मेरी यादों में कोई और बस जायेगी।
     
अंजान से पहचान बनाना पड़ता है,
दिल की बात को जताना  पड़ता है,
मोहब्बत की शुरूआत  है इजहार,
इजहार को मुकाम पर पहुँचाना पड़ता है।

प्रेम की इस रवानी को जरा हम भी समझ लेते,
तेरी दिलक़श जवानी को जरा हम भी समझ लेते,
तेरे मेरे मिलन की बात बन सके अगर,
मोहब्बत की कहानी को जरा हम भी समझ लेते।
     
          🌹 साहिल🌹

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