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साहिल दोहे

(1)

सरस भगत सब गढ़ रहें, सोम  जन्म का मान। 
सागर सम ज्ञानी अहै,  गुरुवर नमन महान।।
 

(2)         

जान जान कर बन रहें, बेहतर कलमकार।
भाव हृदय से रच रहें, इस जीवन का सार।।
   

(3)

राहुल साहिल लय सधी, गुरुव भगत वरदान।
पुण्य कर्म से मिलत हैं, जीवन में गुरुज्ञान।।

   
(4)

पाप पुण्य न जान सके, करम सकल है काम।
धरम मान मन कर रहा, गुरु का  पथ है धाम।।

       डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
                जय जय🏻

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