आदरणीय सोम गुरुजी के जन्मदिन पर विशेष ~
घनाक्षरी
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मृदुल वचन बोल, शब्द शब्द आप तोल
हृदय में प्रेम घोल, सोम जी महान है।।
छन्द के हैं ज्ञानवान, गीत के पुरोधा जान।
आपको मैं गुरु मान, साहित्य सुजान है।।
लेखनी प्रवीण आप, मंगल करन जाप।
रवि तेज सा प्रताप, धीर ज्ञानवान हैं।।
सदा ही प्रसन्न मुख, आपको मिले न दुख।
जीवन में मिले सुख, आप धैर्यवान हैं।।
✍ राकेश यादव " राज "✍
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