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भगत जी रसाल छन्द

🙏 पगवन्दन

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

परमादरणीय छन्दर्षि सोमगुरुवर्य जन्मोत्सवस्य सर्मपणम्

♦  रसाल छन्द  ♦
(भगण+नगण+जगण+भगण+जगण+जगण+लघु, ९-१० पर यतिपूर्वक १९ वर्ण प्रति चरण से चार चरण, २-२ चरण समतुकान्त)
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सोम सुखद गुण धाम, छन्द सब आपहुँ जीवत |
शीश वरद  मन  काम, पूर्ण तब  सोमहि पीवत ||
शील सरल  सुख कार, वास सबके मन आकर |
धन्य  भगत  बड़ भाग, आप गुरु  मोर सुधाकर ||

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© भगत

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