राहुल भाई ने लिखी,
रचनायें बहुत विशेष।
जैसे जैसे पढ़ती हूँ मैं,
लगे एक से बढ़ एक।
"मन पर तमाचा"भूख"
"अनमोलपल" पायल"
"समय बड़ा बलवान"
"रिस्ते" सनातन धाम"
"आओ यजन करें"
"जीवन के चार दिन"
"चिट्ठी पत्री"समर्पण"
"रिस्ते" और "क्षमा"
रचना लिखी आपने,
जिसमें भर दिया सार।
धेर्य विवेक के हो धनी,
अच्छे हो साहित्यकार।
लिखे लेखनी आपकी,
रचनायें धर मन ज्ञान।
राहुल भाई बस आपका,
हर पल हर दिन सम्मान।
राहुल भाई आपको बहुत बहुत
बधाई। आप इसी तरह साहित्य
सेवा कर हमारा भी मार्ग दर्शन
करते रहें। आपकी लेखनी नित
नई रचनायें लिखती रहे यही मेरी
शुभ कामना है।
हार्दिक बधाई
इन्दु शर्मा
तिनसुकिया असम
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