रहा लिखा यश भगत के, संगम तरुवर छाँव |
ज्ञानशिलायें है यहाँ, गुणियों का यह गाँव ||
कौन मूढ़ अरु विज्ञ जग, सब माया बिधि हाथ |
समय रंक भूपति करे, भूपति रंक अनाथ ||
ज्ञान जहाँ तहँ मान है, मान वहीं सुख सार |
ज्ञान मान सुख साथ ही, जगत जलन आधार ||
स्लोगन लिखते कलमवर, विजय दिलावनहार |
जीत भाजपा ही रहे, कर लो जय जयकार ||
🙏 भगत
Comments
Post a Comment