Skip to main content

नित्यानंद पाण्डेय मधुर जी का परिचय

श्री नित्यानंद पाण्डेय मधुर जी को साहित्यमेध के विमोचन के लिए आत्मिक व हार्दिक बधाई।

"साहित्य  संगम संस्थान" से जुड़ने का मौका मिला, जैसे साहित्यिक अभिरुचि को पंख लग गये, बहुत से स्नेहिल आत्मिक साथी मिलें जिसमें से एक व्यक्तित्व सबसे प्रिय, सबसे अलग, सबसे मृदुभाषी, एवं स्नेहिल लगे जो सदैव दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं, अपना कार्य छोड़ कर दूसरों की  मदद करने वाला व्यक्ति कितना उम्दा होगा। साहित्य संगम संस्थान में उनके ओजस्वी, तेज, सकल एवं मिलनसार व्यक्तित्व को देखते हुये परामर्शदाता / सलाहकार के पद पर सुशोभित किया गया जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया एवं कर रहे हैं। ऐसे अद्वितीय अद्भुत एवं विलक्षण व्यक्तित्व का नाम श्री नित्यानंद पाण्डेय 'मधुर' है। आपके पिता स्व• जगदीश चन्दन पाण्डेय जी थे एवं माता श्रीमती कुन्ती देवी है।

ऐसे व्यक्तित्व को शत शत सलाम है,
जनहित जो जी ते हैं उन्हें बारम्बार सलाम है,
मधुर प्रेम बरसाते हैं उन्हें कोटि कोटि प्रणाम है,
जनहित ही जो जान गँवाते उन्हें कोटि कोटि प्रणाम है।

          साहित्य की लगभग सभी विधाओं (कविता, गीत, गद्य, छन्द, मुक्तक, दोहा,गज़ल, कीर्तन, सोहर, जवाबी गीत,नज़्म  आदि)  में लिखने वाले श्री नित्यानंद पाण्डेय मधुर जी का जन्म  (ग्राम व पोस्ट -कुशहरी, जिला देवरिया, उ• प्र•) में 22 जनवरी 1982 को  हुआ।
                              
     आपकी रचनाओं से हिन्दी भाषा प्रेम, भाईचारा व सद्भाव झलकता है। जैसे~

अम्बा बैठी गुजरात ,
           बनासकांठा दांता में।
पद यात्रा भादव में ,
           करने को जाइये।।

कोई चला अब खेण ,
         ब्रह्मा के तरफ अब।।
चित्रसण जय माता ,
          बोलो यह गाइये।।
क्रमशः •••••••

     प्रस्तुत घनाक्षरी छन्द एवं गुजराती शब्दों के समावेश से आपके गुजराती भाषा ज्ञान की जानकारी मिलती है।

◆उड़ियाना छंद [सम मात्रिक]◆

मधुर मिलन के दिन हैं,
         उसी जगह मिलना।
मेरी सजनी बनकर,
     कलियों के सम खिलना।।
कहती चटक चाँदनी,
           मधुर मिलन रजनी।
गंधिल कर देना तुम
           दिल उपवन सजनी।।
क्रमशः•••••••

वीर एवं ऋंगार रस पर भी अच्छी पकड़ होने से मधुर जी के मनभावन मधुमय लेखन प्रशंसनीय हैं। श्रेष्ठ साहित्यकार आ• मधुर जी को शत शत नमन।

      राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में आपकी रचनायें प्रकाशित होती रहती है।

       आप जैसे अद्भुत दैविक व आत्मिक गुणों से परिपूर्ण सहृदय व्यक्ति एवं उम्दा साहित्यकार के उज्ज्वल भविष्य की हम सदा कामना करते हैं।
          

बाबा ~ श्री स्व० चंदन पाण्डेय ( बाबा)
पिता ~ श्री स्व० जगदीश पाण्डेय
माता ~ श्रीमती कुन्ती देवी

तीन भाई ○

1) श्री अरविन्द पाण्डेय ( बड़े भाई)
2) श्री अखिलेश पाण्डेय (उनसे छोटे जो पुलिस इंस्पेक्टर हैं)
3) नित्यानंद पाण्डेय (सबसे छोटे)

♡ बड़े भाई साहब का परिवार••••••
श्री अरविन्द पाण्डेय
पत्नी ~ श्रीमती कंचन पाण्डेय
बेटी ~ अनुश्री पाण्डेय
बेटा ~ समीर पाण्डेय
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

मझिले भाई का परिवार (पुलिस विभाग)•••••

○श्री अखिलेश पाण्डेय
पत्नी ~ श्रीमती नीलम पाण्डेय
बेटा ~ निकुंज पाण्डेय(अंश)
बेटी ~ अंशिका पाण्डेय

      धन्यवाद
          डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
       
फोन नं• ~ 8858344659
           ~ 7843954201

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...