◆ घनश्याम छंद ◆
विधान-
[जगण जगण भगण भगण भगण गुरु]
(121 121 211 211 211 2)
16 वर्ण,यति 6,10 वर्णों पर,4 चरण,
2-2 चरण समतुकांत।
बने हर काम,ओ मनुवा प्रभु को भज ले।
मिले हरिधाम,जाल सभी जगके तज दे।।
कहाँ पर ठौर ,भागमभाग मचा जग में।
करो अब गौर, कंटक हैं कितने मग में।
~शैलेन्द्र खरे"सोम"
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