सन्धि के 6 आवश्यक तथ्य
(1) पहला तथ्य - दो वर्णो के मेल से संधि बनती है।
( 2) दूसरा तथ्य - हर संधि का उदाहरण स्वतः समास का उदाहरण होता है पर समास का उदाहरण संधि का उदाहरण नही होता।
(3) तीसरा तथ्य -
संधि में एक स्थान पर एक ही संधि नियम लागू होगा।पहली बार जिस नियम से संधि हुई है वही मान्य है।
भले फिर से सन्धि होती हो द्वितीय नियम मान्य नही हैं।
(4) चौथा तथ्य -
किसी भी शब्द का सन्धि विच्छेद करते समय उसे उस स्थान से तोड़ा जायेगा जहाँ से दोनों शब्दों का सहज सार्थक खण्ड हो जाता हो।
चौथे तथ्य का विस्तार~
१. पहला प्रयास ~ सहज व सार्थक खण्ड हो ही।
२. दूसरा प्रयास ~ पहले खंड का अर्थ प्राप्त हो जाए + दूसरा खंड निरर्थक हो तो भी उसे प्रत्यय मान कर संधि मान लेंगें।
३. तीसरा व अंतिम प्रयास~
दोनों खंड निरर्थक ही हो रहें हो, परन्तु किसी नियम से सार्थक शब्द बनता हो तो वहाँ संधि मान्य होगी |
5) पाचँवा तथ्य -
किसी एक सन्धि पद में एक से अधिक स्थान पर भी सन्धि विच्छेद हो सकते है।
वो तभी माने जायेगे जब एक ही सन्धि नियम से सभी सन्धि विच्छेद किये गये हो, अलग नियम नही होना चाहिए।
उदाहरण
1) सत् + चित् + आनन्द= सच्चिदानंद
2) सच्चित् + आनन्द= सच्चिदानंद
3) सत् + चिदानन्द= सच्चिदानंद
(6) छठवा तथ्य -
कई बार कुछ शब्द ऐसे भी होते है जिनके एक से अधिक प्रकार से सन्धि विच्छेद होते हैं और सभी सही भी होते हैं। ऐसी स्थिति में वरीयता द्वारा सही उत्तर चुना जायेगा।
उदाहरण -
समुदाय = समुत् + आय (स्वर सन्धि)
समुदाय = सम् + उदाय (व्यंजन सन्धि)
एक से अधिक उत्तर सही होने पर वरीयता इस प्रकार होगी•••••
प्रथम वरियता ~
पहले -स्वर संधि
दूसरी- स्वर के बाद व्यंजन संधि
तीसरी-व्यंजन के बाद विसर्ग संधि होगी |
दूसरी वरियता ~
वर्णों के क्रम से वर्णमाला में पहले आने वाले वर्ण की संधि पहले और पीछे आने वाले वर्ण की संधि पीछे
🙏 जय-जय🙏🏻
Comments
Post a Comment