Skip to main content

इश्क

वो इश्क में मशहूर हुए उनका मुकाम था,
हम इश्क में बदनाम हुए हमारा अंजाम था,
बदला बेवफाई का लिया मोहब्बत से,
किया सबसे प्रेम ये हमारा इंतकाम था ।

वो रातें बेचैन थी ,
वो यादें जहान थी ,
हम थे अकेले,
पर वो अन्जान थी ।

वो मोहब्बत के दिवानें के जोश थे,
हम हुस्न के मंजर में मदहोश थे,
तेरी यादों को जिन्दगी बना ली,
दिवानगी में उड़ गये हमारे होश थे ।

मोहब्बत को दिल का जोश बना लेगें ,
दिल में इश्क की ज्योति जला लेगें ,
वो दीन दुखी जो है बिन आशियाने के ,
उन अन्जानों को भी गले लगा लेगें ।

डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...