Skip to main content

मन पर तमाचा

     मन पर  तमाचा

देखता हूँ राजव्यवस्था
मन पर तमाचा पड़ता है,

सुनता हूँ नारी चित्कार
ज़हन पर तमाचा पड़ता है,

देखी जब गरीबी की मार
गहन तमाचा पड़ता है,

बिन भोजन मरने की खबर
घनघोर तमाचा पड़ता है,

वृद्धों की सुन करुण पुकार
पूतों का तमाचा लगता है,

नेताओं की सुन कर बात
सोच विचार दहलता है, 

  गंदे फूहड़ गीतों को सुन
सुर ताल पे तमाचा पड़ता है,

गन्दे चित्रों के प्रचार से
राष्ट्र पर तमाचा पड़ता है,

सर्वोपरि है संस्कृति राष्ट्र धर्म
सबको समझाना पड़ता है,

सोयी आत्मा को झकझोर
सबको जगाना पड़ता है,  

मान आचरण विचार का
भान जगाना पड़ता है।। 

✍   डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...