सिंहनाद छन्द

◆सिंहनाद छंद◆

विधान~
[ सगण जगण सगण गुरु]
(112   121   112   2 )
10 वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]

अब छोड़ श्याम मग मेरौ।
यह  काम  भावत न तेरौ।।
मम   गाँव   दूर  बरसानौ।
सच बात"सोम"यह मानौ।।

           ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

◆सिंहनाद छंद◆

विधान~
[ सगण जगण सगण गुरु]
(112   121   112   2 )
10 वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]

मन  भावना भजत  तोहै ।
सुख साधना सकल मोहै।।
प्रभु राम को नमन मेरा।
सत काम है भजन तेरा।।

   डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

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