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बधाई सन्देश प्रारुप

पत्रांक - 1 साहित्य संगम द्वारा भेजा जाने वाला पत्र 👇

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           सेवा में,
               माननीय नरेन्द्र दामोदर दास मोदी,
              प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली

   सत्प्रवृत्ति के सम्वर्द्धन एवं समाज में वैचारिक क्रान्ति द्वारा आधुनिक हिन्दी साहित्य में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को अत्याधुनिक सरल व लघु सत् साहित्य प्रदान करने के उद्देश्य पर कार्यरत *साहित्य संगम संस्थान* की साझा पुस्तक *एक पृष्ठ मेरा भी* का विमोचन कार्यक्रम आर्य महासम्मेलन, इन्द्रप्रस्थ विस्तार, नई दिल्ली  में 28 जनवरी 2017 को किया जा रहा है।

साझा संकलन में भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 34 साहित्यकारों ने अपने अथाह रचना संकलन से सामाजिक राष्ट्रीय व प्रेरक विषयों से सम्बन्धित रचनाओं को संकलित कर साझा पुस्तक *एक पृष्ठ मेरा भी* का प्रकाशन किया है।

        अतः आपसे निवेदन है कि हमें साझा पुस्तक *एक पृष्ठ मेरा भी* के प्रकाशन, विमोचन और भविष्य में साहित्य क्षेत्र में प्रगति व विकास के लिए आशीर्वाद तथा शुभकामना प्रदान करें।
आपकी बधाई व शुभकामना के शुभेच्छु।
     
                 अध्यक्ष
            साहित्य संगम
        एवं साहित्य संगम परिवार

पत्रांक - 2 कार्यालय द्वारा साहित्य संगम को दिया जाने वाला बधाई पत्र👇👇🙏🏻

    सेवा में,
           अध्यक्ष साहित्य संगम

साहित्य संगम की साझा पुस्तक *एक पृष्ठ मेरा भी* हमें प्राप्त हुई।

         साहित्य संगम परिवार को साझा पुस्तक *एक पृष्ठ मेरा भी* के प्रकाशन व विमोचन हेतु हृदयस्थ बधाई व शुभकामनाये देते हुए समाज के दर्पण सत्साहित्य द्वारा सामाजिक विकास के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
      
                      धन्यवाद
            प्रधानमंत्री कार्यालय
                   नई दिल्ली

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वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

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