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वीरवर छन्द

◆वीरवर छंद◆

शिल्प~
[नगण सगण लघु]
(111 112   1)
7 वर्ण प्रति चरण,4 चरण
2-2 चरण समतुकांत।

चरण नित  चाप।
भजहुँ हरि आप।।
सहज    गुणवंत।
जपत  नित संत।।

परम   सुख  मान।
करहुँ     गुणगान।।
सकल सिध काम।
नमन   प्रिय  राम।।

           ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

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