महर्षि दयानन्द जयन्ती पर विशेष
दयानन्द की मधुर कथा,
दिये समाज को वैदिक धर्म,
मंत्र शक्ति जीवन आधार,
फैले चहुदिशि कीर्ति कर्म।
नारी का सम्मान सदा,
करों कुरीति का अंत,
सकल कर्म से ही बने,
ऋषि दयानन्द से संत।
ओम शक्ति सर्वत्र है,
है मंत्रों से सब तंत्र,
गौ गंगा गायत्री का,
पूजन करें स्वतंत्र।
दयानन्द प्रसार किये ,
यजन करो सब ओर
मंगल कलश सुख मिलें,
पुकार भरें किशोर।
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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