Skip to main content

महर्षि दयानंद

      महर्षि दयानन्द जयन्ती पर विशेष

दयानन्द की मधुर कथा,
दिये समाज को वैदिक धर्म,
मंत्र  शक्ति  जीवन आधार,
फैले चहुदिशि कीर्ति कर्म। 

नारी का सम्मान सदा,
करों कुरीति का अंत,
सकल कर्म से ही बने,
ऋषि दयानन्द से संत। 

ओम शक्ति सर्वत्र है,
है मंत्रों से सब तंत्र,
गौ गंगा गायत्री का,
पूजन करें स्वतंत्र।

दयानन्द प्रसार किये ,
यजन करो सब ओर
मंगल कलश सुख मिलें,
पुकार भरें किशोर। 

डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

Comments

Popular posts from this blog

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...