🚹 कलाधर छंद 🚹
विधान---गुरु लघु की पंद्रह आवृति और एक गुरु।
अर्थात 2 1×15 तत्पश्चात एक गुरु।
इस प्रकार 31 वर्ण प्रति चरण।
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कुमार शक्ति
रीत प्रीत जीत से कुरीति पे करो प्रहार,
काम क्रोध लोभ दम्भ सोच से हटाइए|
रोग भोग दोष रोष शोक का करो विनाश,
नेह प्रेम भावना विचार तो जगाइए|
धर्म कर्म भोग योग साध के रहो कुमार,
मात - तात ईश भक्ति नित्य ही नमाइए|
ज्ञान भान वीर गान ओज से भरो पुकार,
आन बान शान देश मान को बचाइए|
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
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