मुक्तक (१२२२ × ४)
दिलों की हलचलें समझो,जरा तुम प्यार तो कर लो,
बढ़ी है धड़कने सुन लो, जरा इजहार तो कर लो,
वही अब बन गई है जिन्दगी की हमसफर मेरी,
फसाने प्रेम के मेरे, सही स्वीकार तो कर लो|
❤ साहिल 🙏
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ
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