🚺 कलाधर छंद 🚺
विधान---गुरु लघु की पंद्रह आवृति और एक गुरु।
अर्थात 2 1×15 तत्पश्चात एक गुरु।
इस प्रकार 31 वर्ण प्रति चरण
चाहतें
प्रेम याद बातचीत प्रीत का स्वभाव गीत,
बीत जाय रंज रैन मेल तो कराइए|
हाल चाल रंग ढंग बोल मोर खोय खोय,
गोल गोल नैन मोल राग भी जगाइए|
लाल गाल लाल ओंठ चाह की दिखे बयार,
फूल हार मान गान प्यार से मनाइए|
बंद छन्द रोम रोम दिव्य शब्द हो पुकार,
नेक राह रीत शीत चाहतें निभाइए|
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
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