नारी शक्ति
सहनशक्ति का रूप है नारी,
ममता का प्रतिरूप है नारी,
सदा स्नेह बरसाने वाली,
सहज सकल स्वरूप है नारी|
सामाजिक सद्भाव है नारी,
समता सलिला शान है नारी,
सबके मन को भाने वाली,
सचल सरल सौहार्द है नारी।
जन्म धरा पर देने वाली,
पेट की भूख मिटाने वाली,
प्रकृति स्वरूप है जग में नारी,
पौधे की तरह सँजोने वाली|
© डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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