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Showing posts from February, 2017

डमरू घनाक्षरी

विधा◆ डमरू घनाक्षरी ◆ शिल्प~8,8,8,8 लघु वर्ण प्रति चरण    【बिना मात्रा के प्रति चरण 32 वर्ण,】 4चरण समतुकांत। चल अब झटपट मटकत भटकत, तन मन तड़पत, सजन सनम गम। जन भल कर हल, मचलत पल पल, टहलत द...

महर्षि दयानंद

      महर्षि दयानन्द जयन्ती पर विशेष दयानन्द की मधुर कथा, दिये समाज को वैदिक धर्म, मंत्र  शक्ति  जीवन आधार, फैले चहुदिशि कीर्ति कर्म।  नारी का सम्मान सदा, करों कुरीति का अं...

मद्यपान एक विकृति

            💀 मद्यपान एक विकृति 💀 कूड़े के ढेर के पास से लोग गुजरना पसन्द नहीं करते, चरित्रहीन गन्दे व भद्दे व्यवहार वाले लोगों को समाज में हमेशा नापसंद किया जाता है। वो सम...

भगत जी

🌼🙏🕉  नित्य नमन   🕉🙏🌼 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 हे हरि हरिजन हार ह्वै, कंठ कूकते काय | रहो रमे रासभ रजुअ, आपु आपुने आय || 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 आज रौ दुस्साहस~ म्है म्हांकी मायड़ मरां, मायड़ म्हांके...

जीवनी श्री राजवीर सिंह

🌷🙏🏻🌷🌹🌷🙏🏻🌹🙏🏻 अपनी संस्कृति और धर्म के बारें में संस्कार बाल्यावस्था से ही किसी किसी बालक में विशेष रूप से उजागर होते दिखते हैं। अपनी भाषा और वैदिक संस्कृति के आचार वि...

सिंहनाद छन्द

◆सिंहनाद छंद◆ विधान~ [ सगण जगण सगण गुरु] (112   121   112   2 ) 10 वर्ण,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत] अब छोड़ श्याम मग मेरौ। यह  काम  भावत न तेरौ।। मम   गाँव   दूर  बरसानौ। सच बात"सोम"यह मानौ।।      ...

आह्वान

🌷🌹🙏🏻🌷🌹🌹🙏🏻🌷               आह्वान आह्लादित करने आया हूँ, आह्वान  गीत सुनाता हूँ, गहन नींद से नवयुवा को, आज  जगाने आया हूँ।   रोती हुई वसुंधरा की, पीर सुनाने आया हूँ, रोती ह...

वर्ष छन्द

◆वर्ष छंद◆ विधान~ [ मगण तगण जगण ] (222    221  121) 9वर्ण,4 चरण, दो-दो चरण समतुकांत] तेरी  गाथा सुंदर  नाम। बोलो सीता की जय राम।। भागै माया क्रोध बिसार। पावै काया ज्ञान विचार।।   डाॅ• राहुल ...

वेद मंत्र पद्यानुवाद

ओ३म् नमस्ते ओ३म् विनय चित्र इच्छिशोस्तरुणस्य लक्ष्यों न तो मातरावन्वेति धातवे। अनूधा यदजीजनधा चिदा ववक्षत्सद्यो महिदूत्यां३ चरन्। साम-१/१/२/२/२ पद्यानुवाद यदि रहना ...

वीरवर छन्द

◆वीरवर छंद◆ शिल्प~ [नगण सगण लघु] (111 112   1) 7 वर्ण प्रति चरण,4 चरण 2-2 चरण समतुकांत। चरण नित  चाप। भजहुँ हरि आप।। सहज    गुणवंत। जपत  नित संत।। परम   सुख  मान। करहुँ     गुणगान।। सकल स...

वेगवती छन्द

★वेगवती छंद★         (अर्ध सम वर्णिक) मात्रा विधान :- विषम पाद~112 112 112  2[10वर्ण] सम पाद~211 211  211 2 2[11वर्ण]" •••••••••••••••••••••••••••••••••••••• कहना करना सम होता। मोह दया ममता धन होता।...

निष्ठा

          सच्ची निष्ठा  सच्चा दोस्त। मुक्तक।।।।।।।।।।।।।।।।। कोई दिखता  ही नहीं रास्ता बताने वाला। सुख में बनता साथी दुख में भी  रखवाला।। पहचान ले बारिश में आँख के भीआ...

इन्द्रवशा छन्द

◆इन्द्रवशा छंद◆ विधान~ [ तगण तगण जगण रगण] (221   221   121  212) 12वर्ण,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत] माया जुटाई  कितने प्रकार से। कैसे बचेगा अब काल मार से।। सूरे अभी सम्हल नाम जाप ले। गोविन्द जू  ...

धुंध

🙏🏻धुंध/ कोहरा🙏🏻 🌫🌫💦💦💦🌫🌫 समझ नहीं पाया मैं कुछ साफ दिखा नहीं शरद का धुंध है कि मेरी नजर का धोखा है मेरी आँखें खराब हैं या हवा का झोंका है मन भी परेशान रहता है कुछ समझ आता नह...

इश्क

वो इश्क में मशहूर हुए उनका मुकाम था, हम इश्क में बदनाम हुए हमारा अंजाम था, बदला बेवफाई का लिया मोहब्बत से, किया सबसे प्रेम ये हमारा इंतकाम था । वो रातें बेचैन थी , वो यादें जहान ...

बधाई सन्देश प्रारुप

पत्रांक - 1 साहित्य संगम द्वारा भेजा जाने वाला पत्र 👇 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳                   सेवा में,                माननीय नरेन्द्र दामोदर दास मोदी,               प्र...

निष्ठा

🙏🏻 निष्ठा।  🙏🏻 निष्ठा और लगन का नाता, नेह भाव समता लाता। सब कार्य पूर्ण हो जाते है, जीवन सफल बनाते हैं। जो भगवत भजन सुनाते हैं, जनहित धर्म निभाते है। जो कठिन डगर चढ़ जाते हैं,...

मन पर तमाचा

     म न पर  तमाचा देखता हूँ राजव्यवस्था मन पर तमाचा पड़ता है, सुनता हूँ नारी चित्कार ज़हन पर तमाचा पड़ता है, देखी जब गरीबी की मार गहन तमाचा पड़ता है, बिन भोजन मरने की खबर घनघो...

समीक्षा आदरणीय भगत जी की

विद्वज्जनों की सभा *साहित्य संगम* को नमन 🙏🙏🙏 पुन: समीक्षक का गुरुतर दायित्व निर्वहन करने से पूर्व अपनी अज्ञानता\अपरिपक्वता की क्षमापना का आग्रह रखता हूँ | आप सभी उदारमना क...