1965 मे आयी एक भारतीय सिनेमा (खानदान) के एक बहुचर्चीत गीत "तुम्ही मेरी मंदिर,तुम्ही मेरी पूजा" के तर्ज पर एक श्याम भजन का प्रयास:-
||जय श्री श्याम||
मेरे साँवरे तेरा मन्दिर बनाऊ|
मंदिर बनाके श्याम तुझको बिठाऊँ||
तुझको बिठाऊँ उसमे और मै सजाऊँ|
कहो श्याम बाबा मुझसे और क्या लगाऊँ||
मेरे साँवरे तेरा मंदिर बनाऊँ|
मंदिर बनाके श्याम...........
(1)
भटक गया हुँ मै अब राह दिखादो|
जीवन की सारी बाधा अब तो हटादो||
गुणगान तेरा मै हर वक्त गाऊँ|
अहसान तेरा मै तो कैसे चुकाऊँ??
मेरे साँवरे तेरा मंदिर बनाऊँ
मंदिर बनाके.................
(2)
कलियुग धर्म को नही कोई माने|
पैसा है सबकुछ यही सब जाने||
अधर्मी को धर्मी बोलो कैसे बनाऊ|
तुम्हारा दिया है सबकुछ सबको बताऊँ||
मेरे साँवरे तेरा मंदिर बनाऊँ,
मंदिर बनाके...................
(3)
कल्याण जग का करो ये है प्रार्थना|
भक्त करे मिलके तुम्हारी अराधना||
करूँ तेरी आरती मृंदग बजाऊँ|
तुम्हारी शरण रह भजन तेरा गाऊँ||
मेरे साँवरे तेरा मंदिर बनाऊँ,
मंदिर बनाके श्याम..........
||जय श्री श्याम||
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©®अखिल कुमार मिश्रा "अजय"
राँची
|| ऊँ सरस्वत्यै नमः||
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मैया शारद सुनो करता पुजन तेरी|
बहते अाँसु ना रूकते नयन से मेरी||
माँगता हुँ यही करना कल्याण माँ|
अबोध बालक हुँ रखना मेरा ध्यान माँ||
(1)
ज्ञान का ज्योत मैया जलाती हो तुम|
विणापाणी जगत मे कहाती हो तुम||
श्वेत पुष्प कमल पर विराजी हो माँ|
बायें कर मे तो वेदो को साजी हो माँ||
अपने बालक को देना तु वरदान माँ|
माँगता हूँ यही करना कल्याण माँ,
मैया शारद सुनो.....................
(2)
गहरा अंधियारा है इसको दूर हटा|
कैसे शिक्षा का दिपक जले तु बता??
रिढ़ विहिन है मुझको लगता जगत|
राह मुझको दिखा कहता तेरा भगत||
करदे मुझपे तु अब एक एहसान माँ|
माँगता हूँ यही करना कल्याण माँ||
मैया शारद सुनो.....................
(3)
दिखता अबतो नही कोई संस्कार है|
शिक्षा पाना तो हर एक का अधिकार है||
माता सबकी हो तुम सब बने ज्ञानवान|
तेरी कृपा से जनचेतना मे सब विद्वान||
अखिल करता रहे तेरा गुणगान माँ|
माँगता हूँ यही करना कल्याण माँ||
मैया शारद सुनो...................
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©®अखिल कुमार मिश्रा "अजय"
राँची
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