🌺 मकरन्द छंद 🌺
विधान~
[ नगण यगण नगण यगण नगण नगण नगण नगण गुरु गुरु]
(111122,111122,11111111,111122)
26 वर्ण,4 चरण,यति 6,6,8,6,वर्णों पर
दो-दो चरण समतुकांत]
सुखद सहारा, तन मन हारा,
प्रतिपल सँवरत, प्रियवर पाऊँ|
नयन सुहाते, सुर नव गाते,
चहकत बहकत, धुन गुन गाऊँ||
मधुर कुहासा, रस अभिलाषा,
महकत छलकत, हिय सुख धारा|
मिलन निहारूँ, तमस बुहारूँ,
तुम मम सहचर, मधुरिम तारा||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
Comments
Post a Comment