🌺 चामर छंद 🌺
शिल्प~ [रगण जगण रगण जगण रगण]
212 121 212 121 212
(गुरुलघु ×7) + गुरु, 15 वर्ण प्रति
चरण, 4 चरण, 2-2 चरण समतुकान्त
काम क्रोध लोभ छोड़ कामना जगाइए||
ज्ञानवान हो महान भावना जगाइए||
छंद बंद तेज ओज नेक ही बनाइए|
शक्ति भक्ति नीति गीत प्रेम का सुनाइए||
साहसी बनूँ विशेष जीव मान ध्यान हो|
राम नाम सत्य गान मीत प्रीत भान हो||
धर्म कर्म हो पुनीत धीर वीर जानिए|
रामदास रूद्र रूप देव तुल्य मानिए||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
🌺 चामर छंद 🌺
शिल्प~ [रगण जगण रगण जगण रगण]
212 121 212 121 212
{(गुरुलघु ×7)+गुरु, 15 वर्ण प्रति
चरण, 4 चरण, 2-2 चरण समतुकांत}
राम राज में समाज यूं प्रसन्न हो गया।
आज ये सभी कहें कि जन्म धन्य हो गया।।
नैन धन्य होय रूप राम का निहार लो।
सीय संग राम "सोम" आरती उतार लो।।
~शैलेन्द्र खरे"सोम"
बहुत सुंदर चामर छंद की रचना 👏
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीया रंजना बरियार जी
Deleteबहुत सुंदर सृजन
ReplyDeleteधन्यवाद
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