◆मलयज छंद◆
शिल्प- 8 लघु प्रति चरण
चार चरण समतुकांत।
पल - पल मुदमय|
मम जग सुखमय||
पहर - पहर गुन|
हृदय बहर सुन||
मिलन सहन धुन|
जतन गहन चुन||
तुम हिय हलचल|
सुर लय बल चल||
अधर कमल सम|
मधुर विमल सम||
दरश सुखद मिल|
सकल नवल खिल||
सरगम मधुरिम|
रुनझुन रिमझिम||
चमक दमक शुचि|
परम सरस रुचि||
पुन- पुन लहकत|
प्रियतम चहकत||
निशदिन महकत|
तन- मन बहकत||
© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'
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