शिक्षा व्यवस्था
शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षा व्यवस्था समाज निर्माण की मूलभूत आवश्यकता है।
○ शिक्षा के माध्यम से मनुज रूपी जीव व समाज को बदलने व सही दिशा दिखाने का कार्य सकल व सुगम है।
○ सुव्यवस्थित शिक्षा व्यवस्था से व्यक्ति विशेष का लाभ नही पूरे समाज का लाभ है।
○ समाज में अन्ध विश्वास का अन्त होता है व रुढ़िवादिता का अंत होता है एवं समाज में जागरूकता आती है।
○ बुराई, अत्याचार व कुरितियों के प्रति जागरूकता आयें व सामान्य जन उससे लड़ सकें।ऐसी नैतिक शिक्षा व सर्व शिक्षा की व्यवस्था की आवश्यकता है।
○ शिक्षा से बच्चों किशोरों व युवाओं में ओजस्व, तेजस्व, प्रेरणा, ज्ञान व विद्या का अद्भुत संचार होता है जो व्यक्ति निर्माण समाज निर्माण व राष्ट्र निर्माण के लिए परम आवश्यक है।
○ गीतबद्ध, सुरूचिपूर्ण व सरल अध्यापन तकनीकी व पाठ योजना बच्चो के लिए सुगम और आसान हो जाती है।
धन्यवाद
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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