🌷 🙏🏻हमारा अतीत और वर्तमान 🌷🙏🏻
वर्तमान की भागदौड़ ने,
भुला दिया गुजरा अतीत,
वो आम बगीचा भुला दिया,
बचपन का खेल भूल गया,
माँ की लोरी भूल गया,
स्कूल की डगर भूल गया,
उस अतीत को दबा दिया,
वर्तमान ने बड़ा बना दिया,
सब ने कहा बचपना छोड़ो,
भविष्य बनाओ सपना छोड़ो,
बचपन में सीखें हम पढ़ाई,
अब केवल कमाई की लड़ाई,
जो सीखे हम बचपन में,
वो अतीत हम कैसे भूलें,
जो सुख भरी थी यादें,
उन यादों को कैसे भूलें,
अतीत की लहरें आने दों,
नया सिन्धु बन जाने दों,
भविष्य भी होगा सुन्दर,
मन कौशल में रम जाने दों,
जो बुरा हुआ उसे भूलें,
शुभ सत्य आज बना लें,
दुख के बादल छँट जाने दें,
जब होगें अपने विचार सशक्त,
देश का भला भी कर पायेंगे,
अपना अतीत और वर्तमान,
दुनिया को बतलायेगें,
अतीत नहीं जो बीत गया,
अतीत सीख हैं हर सुख की,
जनहित कर्म सेहत सम्पन्न,
चलें राही अविचल बिना रुके,
सुपथ संस्कारित वर्तमान सें,
सुन्दर ही भविष्य गढ़ लें।।
✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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