Skip to main content

अनीता मिश्रा सिद्धि जी

[11/13, 13:21] सरस जियो:

नन्हीं कली हूँ खिलने दो ,
चाहती हूँ उड़ना नभ पर
मेरे सपनो को  नये पर दो ।

ढेर सारे चाहत मेरे तितली जैसे
रंग- बिरंगे ,
कुछ करने की कुछ बनने की
दिल में लगन लगी है मेरे
मेरी चाहत को मचलने दो
नन्हीं कली हूँ खिलने दो ।

मत - तोड़ो मत मसलो मुझको,
धरा भी मेरी आसमान भी मेरा ।
माँ - बाबा का आँगन भी मेरा ,
तेरे बगिया की पायल हूँ
रुन- झुन संगीत बिखरने दो ।
नन्हीं कली हूँ खिलने दो।

मत देखो वहशी नजरो से,
मैं एक पावन प्रेम हूँ ।
महक उठेगा ये जग सारा ,
एक मधुरिम नेह हूँ ।
फूल बन महकने दो ,
नन्हीं कली हूँ खिलने दो।

अनीता मिश्रा "सिद्धि""
हजरीबाग 6/10/17

[11/13, 13:21] सरस जियो:

          परिचय-
नाम - अनीता मिश्रा
पिता का नाम श्री श्याम देव उपाध्याय
माता - श्री मती तारा देवी।
जन्म -स्थान बिहार
जन्म- तिथि  28 सितम्बर

स्वतंत्र लेखन कविता, कहानी, लेख, संस्मरण, यात्रा वृतांत, लधु- कथा ।
मुक्त छंद और भाव ही लिखती हूँ।
हजारीबाग रेडियो में कविता कहानी
पाठ ।
1  -सचिव -भाषा सहोदरी, संपादक झारखण्ड पेज की।
आगमन समूह की झारखण्ड  अध्य क्ष, कई पंजीकृत संस्था की संस्था पक सदस्य ।

2 -सदस्य, कई राष्ट्रिय-अंतर राष्ट्रिय पेज
वेब पेज पर लेखन।
3 -सम्मान- 2014 में  साहित्ययुग सुरभि सागर
सम्मान 
4--साझा संकलन '"अहसास एक पल के लिए।
2015 में - भाषा सहोदरी हिंदी सम्मान ,साझा-संकलन सोपान 2
के लिए प्रसिद्ध रचनाकारां मैत्री पुष्पा जी से सम्मानित दिल्ली में।
5 -प्रतिभा मंच काव्य सम्मान , गजल ए
कारवान के लिये साझा संकलन,
5 -2016 में साहित्य सुरभि सम्मान

6 -कलम के कदम, सत्य -प्रकाश  साझा
संकलन के लिये। सुभाष चंदर द्वारा
सम्मानित।
7--मन की बात , एक पृष्ठ मेरा भी साझा संकलन काव्य किताब।
8 -साहित्य-संगम काव्य सम्मान
9-काव्य सागर संस्मरन सम्मान
10--सहोदरी नारी सम्मान

11 -साहित्य संगम नारी सम्मान ।
12 -संस्मरण -सम्मान पटना में " प्रेम - नाथ खन्ना "संस्मरन सम्मान "" रत्ना - पुरकायस्थ और सामयिक - परिवेश पत्रिका के संपादक समीर परिमल द्वारा सम्मानित 29 जुलाई 17 को । पुरे भारत में 29 रचनाकारों को ये सम्मान मिला था।
13 -  मात्र- भाषा वेब में लेखन कविता ,लेख।
जन- चेतना जय- जय पटल द्वारा

श्रेष्ठ - रचना कार सम्मान ,टिप्पणी कार सम्मान ।

अर्णव - कलश द्वारा कई सम्मान मिले हिंदी लेखन के लिए।

लघु- कथा  आलेख सम्मान 29 वां अखिल - भारतीय लघु कथा सम्मान पटना में  राज्य- पाल गोवा के श्रीमती डॉ मृदुला सिंह से सम्मानित।

Comments

Popular posts from this blog

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैसा खुले। उदाहरण  - *आ* ४. *अर्ध विवृत्त* - मुँह गोलाकार से कुछ कम खुले। उदाहरण - अ, ऐ,औ     🙏🏻 जय जय 🙏🏻 [20/03 23:13] अंजलि शीलू: *वर्ण माला कुल वर्ण = 52* *स्वर = 13* अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अब *व्यंजन = 37*         *मूल व्यंजन = 33* *(1) वर्गीय या स्पर्श वर्ण व्यंजन -*    क ख ग घ ङ    च छ ज झ ञ    ट ठ ड ढ ण    त थ द ध न    प फ ब भ म      *25* *(2) अन्तस्थ व्यंजन-*      य, र,  ल,  व  =  4 *(3) ऊष्म व्यंजन-*      श, ष, स, ह =  4   *(4) संयुक्त व्यंजन-*         क्ष, त्र, ज्ञ, श्र = 4 कुल व्यंजन  = 37    *(5) उक्षिप्त/ ताड़नजात-*         ड़,  ढ़         13 + 25+ 4 + 4 + 4 + 2 = 52 कुल [20/03 23:14] अंजलि शीलू: कल की कक्षा में जो पढ़ा - प्रश्न - भाषा क्या है? उत्तर -भाषा एक माध्यम है | प्रश्न -भाषा किसका

तत्सम शब्द

उत्पत्ति\ जन्म के आधार पर शब्द  चार  प्रकार के हैं ~ १. तत्सम २. तद्भव ३. देशज ४. विदेशज [1] तत्सम-शब्द परिभाषा ~ किसी भाषा की मूल भाषा के ऐसे शब्द जो उस भाषा में प्रचलित हैं, तत्सम है | यानि कि  हिन्दी की मूल भाषा - संस्कृत तो संस्कृत के ऐसे शब्द जो उसी रूप में हिन्दी में (हिन्दी की परंपरा पर) प्रचलित हैं, तत्सम हुए | जैसे ~ पाग, कपोत, पीत, नव, पर्ण, कृष्ण... इत्यादि| 👇पहचान ~ (1) नियम ~ एक जिन शब्दों में किसी संयुक्त वर्ण (संयुक्ताक्षर) का प्रयोग हो, वह शब्द सामान्यत: तत्सम होता है | वर्णमाला में भले ही मानक रूप से ४ संयुक्ताक्षर (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र) हैं, परन्तु और भी संयु्क्ताक्षर(संयुक्त वर्ण)बनते हैं ~ द्ध, द्व, ह्न, ह्म, त्त, क्त....इत्यादि | जैसे ~ कक्षा, त्रय, ज्ञात, विज्ञान, चिह्न, हृदय, अद्भुत, ह्रास, मुक्तक, त्रिशूल, क्षत्रिय, अक्षत, जावित्री, श्रुति, यज्ञ, श्रवण, इत्यादि | (2) नियम दो ~👇 जिन शब्दों में किसी अर्घाक्षर (आधा वर्ण, किन्तु एक जगह पर एक ही वर्ण हो आधा) का प्रयोग हो, वे शब्द सामान्यत: तत्सम होते हैं | जैसे ~ तत्सम, वत्स, ज्योत, न्याय, व्य