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"जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति (पंजी० 226)" द्वारा संचालित "जय-जय हिन्दी" समूह
दिनांक~22/11/2017 (बुधवार)
विषय~ सूक्ति
समीक्षक- डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल (इलाहाबाद)
सूक्ति या सुभाषित (सु + भाषित = सुन्दर ढंग से कही गयी बात) ऐसे शब्द-समूह, वाक्य या अनुच्छेदों को कहते हैं जिसमें कोई बात सुन्दर ढंग से या बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से कही गयी हो| सुवचन, सूक्ति, बढ़िया बात, सुंदर उक्ति, अनमोल वचन, आदि शब्द भी इसके लिये प्रयुक्त होते हैं|
कुछ महानुभावों की सूक्ति उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत है|
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*इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दुख और दूसरा श्रम| दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता|*
—आचार्य श्रीराम शर्मा
*बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है|* –आचार्य रामचंद्र शुक्ल
*संवेदनशीलता न्याय की पहली अनिवार्यता है|*
–कुमार आशीष
*शब्द पत्तियों की तरह हैं जब वे ज़्यादा होते हैं तो अर्थ के फल दिखाई नहीं देते|*
–अज्ञात
*अपने दोस्त के लिए जान दे देना इतना मुश्किल नहीं है जितना मुश्किल ऐसे दोस्त को ढूँढ़ना जिस पर जान दी जा सके|* - मधूलिका गुप्ता
*जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है|*
-प्रेमचंद
*आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घर की याद आती है|*
-प्रेमचंद
समीक्षा प्रारम्भ समय 10:00 से 6:00 बजे तक प्रेषित सूक्तियों पर,
प्रथम सर्जक
*आ• दिलीप कुमार पाठक सरस जी,*
सभी विधायों के विशेषज्ञ सब रसों के सर्जनकार आदरणीय सरस जी की सूक्तियों से सार्थक कर्म, व्यक्तित्व, सफलता एवं स्नेह की सीख मिलती है| बेहतर मुक्तक एवं उत्तम सूक्तियों के लिए हृदय तल से बधाई|
*आ• भावना शर्मा भुवनेश्वरी भक्तिराज जी,*
गुरु महिमा को दर्शाती बेहतरीन आपकी सूक्तियाँ,
जीवन के गुवार को रुवार में बदलने वाले केवल गुरु है|
*जीवन सँवारे गुरु की है महत्ता|*
*हर घड़ी हर कण में ईश्वर की सत्ता|*
वाहहहहहहहह आपको कोटि कोटि बधाई|
*आ• एस• के• कपूर श्रीहंस जी,*
कई खण्डों में आपकी बेहतरीन सूक्तियों से जय जय पटल ऊर्जावान एवं गौरवान्वित हुआ है, आप सदैव से कम शब्दों में बहुत कुछ कह देने वाली विधा में आप माहिर है|
आपके सुयश पूर्ण जीवन से हम सभी प्रेरणा लेते हैं|
योग समय एवं सादा जीवन जीने की सीख मिले, सहयोग की सीख मिली, कम संसाधनों में ही कर्म शुरु कर देना चाहिए, इंतजार नही करना चाहिए| बेहतरीन प्रेरणाओं से भरी सूक्तियाँ के लिए आपको आत्मिक बधाई|
*आ• अनीता मिश्रा सिद्धि जी*
वाहहहह बेहतरीन सूक्तियाँ आपने निम्न विषयों पर सूक्ति लिखकर प्रेरणाएँ दी|
♤ मुस्कान
♤ प्रेम
♤ सेवा(माता-पिता, गरीब, गौ माता)
♤ देशहित
♤ ज्ञानदान
♤ धीरज और साहस
♤ परिश्रम
उत्तम विषयों पर सूक्ति से आपके भाव व सामाजिक ज्ञान का पता चलता है, हृदय तल से बधाई|
*आ• भगत सहिष्णु जी* वैयाकरण~
आपकी सर्वोत्तम लेखनी की समीक्षा तो भानु को दिया दिखाने के समान है|
अति उत्तम शानदार प्रेरक ज्ञानवर्धक बेहतरीन इक्कीस सूक्तियों से पटल सिंचित हुआ, आ• भगत सहिष्णु गुरुवर जी को बहुत बहुत बधाई एवं हृदय तल से शुभकामनाये|
*सूक्ति रूप में लिख दिए, जीवन जग-मग सार|*
*भगत शब्द अनमोल हैं, उनकी जय जय कार||*
साहिल
*आ• विवेक दुबे 'निश्चल'जी~*
वाहहहहहह सामाजिक एवं कर्मशील बनकर साहित्य साधना एवं प्रभु भक्ति में लीन करती आपकी उत्तम सूक्तियाँ|
*सही बात है आपकी, कृपाशीष भगवान|*
*अहंकार को छोड़ दो, निश्चल करत बखान||*
🙏जय जय🙏
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