[11/13, 13:59] सतीश सुधांशु कवि: दिलीप जी🙏🙏
आपकी पत्रिका के नाम के अनुरूप हिंदी भाषा सम्बन्धी रचनाएँ प्रेषित हैं।सुविधानुसार अपने अनुरूप (छोटी/बड़ी)कर लें।
(इसको तो हिदुस्तान कहो)
हिंदी है भाषा मात्र नहीं
भारत माता का मान कहो।
यह मानवता का जन्म पत्र
इसको तो हिन्दुस्तान कहो।
इसको सन्तों के आश्रम में
मर्यादाओं ने पाला है।
इसकी सांसो में यज्ञ गन्ध
ऋषियों मुनियों ने डाला है।
कबिरा की चादर कहो इसे
इसको तुलसी रसखान कहो।
इसके आंगन हरिऔध,जायसी
केशव पुष्प खिला करते ।
इसके चरणों मे नत बैठे
कितने रविदास मिला करते।
मीरा बाई और सूरदास की
कृष्ण भक्ति का गान कहो।
यह भारतेंदु की भाषा है
जय शंकर और निराला है।
इसको दिनकर जी ,पंत
महा देवी ने पोसा पाला है।
मतिराम,बिहारी,प्रेमचंद
का काव्य कथा,गोदान कहो।
मैथिली शरण की काव्य कला
से,सज्जित -पुष्पित भाषा है।
यह माखन लाल चतुर्वेदी
के, पुष्पों की अभिलाषा है।
इसको बच्चन की मधुशाला
भूषण का स्वाभिमान कहो
यह किसी जाति, मजहब की
न,बस इंसानों की भाषा है।
मानवता का है श्वास तंत्र
यह जीवन की अभिलाषा है।
भारत ही नहीं विश्व भर में
प्रसारण का अभियान कहो
चौदह बहनों के साथ सदा
मिल जुल कर खाई खेली है।
बहनों में सबसे बड़ी विश्व,
भाषाएं सखी सहेली हैं।
जो हटा रहे हैं आसन से
उनका लेंगे वलिदान कहो।
-डॉ0सतीश चंद्र शर्मा "सुधांशु"
[11/13, 13:59] सतीश सुधांशु कवि: (हिन्द की आन है हिंदी)
सूर,रसखान है हिंदी।
गबन,गोदान है हिंदी।
कबीरा की सबद बानी
जायसी जान है हिंदी।
यह मीरा और तुलसी की
भक्ति का गान है हिन्दी।
प्रसाद औ हरीश चंद्र का
हमें वरदान है हिंदी।
महा देवी,निराला का
रहा अभिमान है हिंदी।
मैथिली,पन्त,दिनकर की
कलम की शान है हिंदी।
बिनोवा,तिलक,बापू का
सफल अभियान है हिंदी।
यह भाषा,कला न केवल
अपितु विज्ञान है हिंदी।
एक सौ तीस देशों में
हिन्द की आन है हिंदी।
डेढ़ सौ विश्व विद्ययालय ,
दे रहे, ज्ञान है हिंदी।
सभी भाषाओं में सबसे
अधिक आसान है हिंदी।
हमारी भारती मां की
आत्मा- प्राण है हिंदी।
-डॉ0सतीश चंद्र शर्मा"सुधांशु"
[11/13, 14:01] सतीश सुधांशु कवि: (परिचय)
नाम-सतीश चंद्र शर्मा"सुधांशु"
शिक्षा-स्नातक
जन्म-1मार्च1954
माता-स्व0कटोरी देवी
पिता-स्व0 बाबू राम शर्मा
विधा-हास्य-व्यंग्य,(गद्य,पद्य)दोहा,मुक्तक,छंद,कुंडलियां,सोरठ्ठा,हाइकू,क्षणिका,गीत,नवगीत,ग़ज़ल,कविता,लघु कथा, आदि।
प्रकाशित साहित्य- व्यंग्य की टनकार,दाग अच्छे हैं,चमचों का इंटरव्यू, काव्य सुमन,कलम का सिपाही, सभी व्यंग्य संग्रह।
अपनी परछाइयां (ग़ज़ल संग्रह)
बस खिड़की भर आसमान(गीत संग्रह)
78 काव्य संकलनों में भागीदारी।
सम्पादन-भारत दर्शन(खण्ड काव्य)।"नये क्षितिज" हिंदी त्रय मासिक पत्रिका का 3 वर्ष से।
विशेष- 5 पत्रिकाओं का स्वंय पर विशेषांक।90 पत्र पत्रिकाओं में नियमित रचना प्रकाशित।
सम्मान/पुरस्कार-कृतियों पर 6 बार बिभिन्न संस्थाओं द्वारा नकद पुरस्कार।105 से अधिक सम्मान(देश के 15 प्रान्तों से)
आकाशवाणी रामपुर व बरेली तथा दूर दर्शन बरेली से नियमित प्रसारण।
सम्पर्क-बाबू कुटीर, ब्रह्मपुरी पिंडारा रोड बिसौली-243720(बदायूं)उ0प्र0
मोबाइल-8394034005
ई मेल-drsudhanshukavi2015@gmail.com
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