[11/22, 10:50] सरस जी की : सूक्तियाँ
1-सफलता उसी को मिलती है, जो काम करता है |
2-रसिक के लिए रस सर्वत्र स्वयं उपस्थित हो जाता है |
3-वही जाना जाता है, जो कुछ करके दिखाता है|
4-मानव व्यक्तित्व कर्म से निखरता है|
5-मौन रहना भी स्वयं के लिए अन्ततः दुःखद बन जाता है |
6-बड़ा वह है जो छोटों को स्नेह जल से हमेशा सींचकर उनके विकास का मार्ग प्रशस्त करता है |
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मुक्तक
💐🙏🏻💐
जो सदा करती प्रकाशवान|
व्यक्ति को बनाती ज्ञानवान||
है नीति भाव के प्रभाव की|
सरस सूक्ति शक्ति है महान||
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दिलीप कुमार पाठक "सरस"
[11/22, 11:32] भावना शर्मा की सूक्तियाँ
जिसने श्री गुरु को स्वयं में उतार लिया, वो कभी रोया नही फिर
सफल वही होते हैं जो अपने गुरु के बताए मार्ग पर पूर्ण श्रद्धा भक्ति के साथ निष्काम भाव से , ओर स्वयं को श्री गुरु शरण मे न्योछावर करके , चलते हैं।
भावना शर्मा भक्तिराज,
श्री गुरु चरनाश्रित
अगर जीवन को सफल बनाना है मोक्ष पाना है, तो सिर्फ श्री सदगुरुदेव के बताए मार्ग पर चलें,
उनके द्वारा दिये गुरु मंत्र को जपें , उनके द्वारा दिये गये प्रसाद को पाएं, ओर स्वयं को सम्पूर्ण रूप से श्री सदगुरुदेव की शरण मे छोड़ दें।
उनकी दयादृष्टि से सदैव श्री गुरु के कृपापात्र बनें
एक मात्र श्री सदगुरुदेव ही होते हैं हमारे जीवन के आधार
श्री गुरु कृपा से यह वर पाऊं
*चित्त चरित चिंतन मन लाऊं।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
*भावना शर्मा भक्तिराज*
*श्री गुरु चरनाश्रित*
*ॐ श्री सद्गुरुवे नमः*
[11/22, 13:08] एस• के कपूर:
सूक्तियाँ।।।।।।
💐💐💐💐💐💐
*आगे बढ़ने वाला व्यक्ति कभी*
*किसीको बाधा नहीं पहुंचाता*
*और*
*दूसरों को बाधा पहुंचाने वाला*
*व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ता।*
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
*"कोई अगर आपके अच्छे कार्य पर सन्देह करता है ...*
*तो करने देना, क्योकि...*
*शक़, सदा सोने की शुद्धता पर किया जाता है...*
*कोयले की कालिख पर नही...!"*
🙏🙏 एस के कपूर श्री हंस*🙏🙏बरेली
[11/22, 13:33] आ• अनीता मिश्रा जी की सूक्तियाँ
आप किसी को कुछ न दे सको तो उत्साह और मुस्कान अवश्य दो।
सभी के लिए प्रेम जिसके हृदय में हो वो सदा भगवन के करीब होता है ।
अपने जीवन में माता - पिता की सेवा जिसने की स्वर्ग धरा पर ही पायी है।
समाज और देश के लिए कुछ समय अवश्य निकाले ।
शिक्षा अगर आपके पास है तो ज्ञान दान अवश्य करे।
साहित्य- गौ और गरीब की सेवा करे ।
अचल - विश्वास से किया गया कार्य अवश्य सफल होता है।
कभी भी परिश्रम व्यर्थ नहीं जाता।
कुटिल और मौका - परस्त चरित्र- हीन लोगो से दूर रहे ।
सभी को सहयोग करे तभी आपको भी लोग सहयोग करेंगे।
धीरज और साहस से सभी काम आसान हो जाते है।
अनीता मिश्रा
स्वरचित सूक्तियाँ
[11/22, 14:34] भगत गुरुवर की सूक्तियाँ
सूक्ति~
🌸🌸🌸
०१. परहित में निज वार |
०२. तज स्वारथ की डोर |
०३. उड़ना ज़रूर , पर जड़ मत छोड़ |
०४. कहने से करना श्रेष्ठ है |
०५. वाणी ही वरदान है, वाणी ही अभिशाप |
०६. अपनी जरूरतें कम रखो, सुख बढ़ेगा |
०७. लेना नहीं, देना सीखो |
०८. त्याग में जो सुख है, वह प्राप्ति में दुर्लभ है |
०९. शब्द ईश का रूप है |
१०. मौन मृत्यु का प्रतीक है |
११. दु:ख आनंद से डरते हैं |
१२. गार्हस्थ्य में निर्लिप्तता ही ईशत्व है |
१३. वीरह प्रेम का स्नेहक है |
१४. मैं नहीं, तू में; सुख बसता है |
१५. पाने को बहुत कुछ है, खोने को बस काल |
१६. कण में मण की अनुभूति ही सं-ज्ञान है |
१७. यूँ रहे , ज्यूँ आज ही जाना हो |
१८. अच्छा न बन सको तो बुराइयाँ त्यागने लगो, अच्छे हो ही जाओगे |
१९. समय का दोहन करो |
२०. अधर पर मंदस्मित हो |
२१. देखें तो बस गुण ही देंखे, दोष छिपे न जग में |
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
©भगत
[11/22, 14:40] एस• के कपूर की सूक्तियाँ
🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿
*सम्बन्ध को जोड़ना*
*एक कला है,*
*लेकिन*
*"सम्बन्ध को निभाना"*
*एक साधना है*
*जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है, ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..*
*"ईश्वर "और अपनी "अंतरआत्मा"*
*और हैरानी की बात है कि दोनों नजर नहीं आते...!*
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🌹 एस के कपूर श्री हंस🌹🌼🌼🌹🌸🌹🌼🌼
बरेली
[11/22, 14:52] विवेक दुबे की सूक्तियाँ....
1- रचनाएँ समय को बदल दिया करतीं हैं ।
2- *कर्म के बिना भाग्य और ईश्वर की कृपा बिना ,*
*कोई कीर्तिमान स्थापित नहीं किया जा सकता ।*
4- *अहंकार के अहम् में हर कोई अँधा हो जाता है ।*
*समय एक महान मृत्युचक्र है ।*
*समय बस सभी को उसमे समाना पड़ता है।*
5- *जीवन कभी एक हाल पर नही रहता ।*
*कितनी भी मुफलिसी हो कटता जरुर है ।*
6- *कविता उत्पन्न कही और होती है ।*
*और शोभा कही अन्यत्र पाती है ।*
7- *कवि की लेखनी से सृजित रचना शोभा वहाँ पाती है ,*
*जहाँ उसके विचार , प्रसार तथा उसमे, कथित आदर्श का ग्रहण और अनुसरण होता है।*
..... *"निश्चल"* विवेक दुबे©
[11/22, 14:56] एस• के कपूर की सूक्तियाँ
" *हीरा वहाँ ना खोलिये,*
*जहाँ कुजडो की हाट,*
*बान्धो चुप की पोटरी,*
*लागहु अपनी बाट!!!*
✍✍✍✍
भावार्थ-
ज्ञान की बातें उन लोंगों के बीच नहीं करनी चाहिए जो इसका महत्व नहीं समझते हैं एवं उपहास करते हों ज्ञान की बातें मात्र सत्पात्रों के बीच ही करनी चाहिये!!!
एस के कपूर श्री हंस।।।बरेली
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[11/22, 15:00] एस• के कपूर: सूक्तियाँ
वक्त नूर को भी बेनूर बना देता है,
वक्त फ़क़ीर को भी हुज़ूर बना देता है
वक़्त की कद्र कर ऐ- बन्दे,
वक्त कोयले को भी
कोहिनूर बना देता हैं..
एस के कपूर श्री हंस।।।।बरेली
*वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए,।*
*पर जिन्दगी दोबारा नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए !!
1।।।।।“जीवन” जितना सादा रहेगा...,
“तनाव” उतना ही आधा रहेगा।
2।।।।।। *योग करें या ना करें पर...
ज़रूरत पड़ने पर एक दूसरे का
【सह+योग】 ज़रूर करें..!
हमारे पास जो संसाधन हैं उसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना आना चाहिए.सुविधा एवं साधनों की प्रतीक्षा करने वाले ज्यादातर लोग केवल प्रतीक्षा मे ही रह जातें हैं.।
एस के कपूर श्री हंस।।।।बरेली
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