जीवन परिचय
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1-नाम- शशि रंजन शर्मा "मुन्टुन"
2-पिता- श्री रामाजी शर्मा
3-माता- श्रीमती चन्द्रावती देवी
4-वर्तमान/स्थाई पता-
ग्राम+पो0-दोन, थाना-दरौली, जिला-सीवान (बिहार), पिन-841235
5-मो0/वाट्स एप नं.-8809457531
6-ई मेल-muntunkumar99@gmail.com
7-शिक्षा-स्नातक(गणित), बी0एड0 अध्ययनरत
8-जन्म स्थान-द्रोण नगरी दोन
9-प्रकाशन विवरण- काॅलेज पत्रिक एवं संगम संकल्पना पुस्तक (साझा संकलन) में प्रकाशित रचनाएँ
10-रूचि- बच्चो को शिक्षा के प्रति जागरूक करना, समाज सेवा करना एवं कविताएँ लिखना पढ़ना।
[11/15, 19:16]
कविता
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कुछ समझ आता नहीं
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क्या लिखें इस दौर में हम,
कुछ समझ आता नहीं।
दोस्त दुश्मन बन गये,
ये गम सहा जाता नहीं।
क्या लिखें इस दौर में हम,
कुछ समझ आता नहीं।
अपने हो गए हैं पराए,
नीर आँखें हैं बहाए ।
आज दुनिया के रंगो को,
मेरा दिल समझा नहीं।
क्या लिखें इस दौर में हम,
कुछ समझ आता नहीं।
आजकल के चाँद तो,
गर्मी उगलने ही लगे हैं।
मूक् दर्शक सूर्य बना क्यूँ,
ये तो मैं समझा नहीं।
क्या लिखें इस दौर में हम,
कुछ समझ आता नहीं।
आजकल ये पवित्र रिस्ते,
क्यूँ कलंकित हो रहे हैं।
फिर हम बने क्यूँ हैं समाजिक,
मैं इसे समझा नहीं ।
क्या लिखें इस दौर में हम,
कुछ समझ आता नहीं।
रचनाकार:-शशि रंजन शर्मा "मुन्टुन"
[11/16, 11:32]
◆गीत◆
[मात्राएँ 16,14]
घिरी अमावस रात जगत में,
भोर न जाने कब होगी
होती विष-बरसात जगत में,
भोर न जाने कब होगी.....
1-
हे मालिक अब तो दुनिया में,
पाप पनपता जाता है।
जो अति क्रोधी कामी ढोंगी,
वो बाबा कहलाता है।।
खूब होय उत्पात जगत में,
भोर न जाने कब होगी.....
2-
कहते हम जिसको गौ-माता,
फिरती मारी मारी है।
जो कहलाती घर की शोभा,
वो बेटी अब भारी है।।
कैसी बिछी बिसात जगत में,
भोर न जाने कब होगी.....
3-
प्यार विभाजित हुआ आज तो,
बस मतलव के सौदों में।
कहाँ वंश परिवार हमारा,
घर बँट गया घरौंदों में।।
शेष स्वार्थ की बात जगत में,
भोर न जाने कब होगी.....
4-
कहाँ गए आदर्श हमारे,
दूषित आज विचार हुए।
जिसने ढोया बोझ जन्मभर,
मात-पिता भी भार हुए।।
पग-पग पर आधात जगत में,
भोर न जाने कब होगी......
5-
लोक लाज कुछ याद नही है,
शील कहाँ व्यवहारों में।
अब तो चीरहरण होता है,
गली-गली बाजारों में।।
"सोम" विकट हालात जगत में,
भोर न जाने कब होगी.....
~शैलेन्द्र खरे"सोम"
[11/16, 11:32]
परिचय-
नाम- शैलेन्द्र खरे
जन्म-14-5-1978
साहित्यिक नाम- सोम
पता-वीरेंद्र कॉलोनी नौगाँव,
जिला-छतरपुर (म.प्र.)
मोबाइल नंबर-8959326509/9926307901
ई मेल-Shailendra.som@reddiffmail.com
Shailendrasom2@gmail.com
पिता- श्री रामदयाल खरे
माता- श्री मती सुमनलता खरे
पत्नी-श्री मती संयोगिता खरे
दो बेटियां- अंशिका,आराध्या
शिक्षा- एम कॉम.ऍम.ए,डी एड, बी एड,
व्यवसाय- शिक्षक
साहित्यिक यात्रा-
बचपन से लिखने का शौक रहा,अपनी माँ की प्रेरणा से 1993 से जब 15 वर्ष का था,लिखना प्रारम्भ किया,मेरी माँ स्कूल की पढ़ाई से पहले पूछती थी आज क्या लिखा और रोज जांचती थी,माँ खुद उपन्यास गीत नाटक कहानी लिखती थी।
फिर कीर्तनकार के रूप में जबाबी कीर्तन करने लगा स्थानीय मंचो पर, पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ निकलने लगीं,सन् 2000 तक लगभग सभी पुराणों की प्रचलित कथाओं को गीतों,भजनों के रूप में लिख चुका था,फिर धीरे धीरे ये गीत,भजन भगवताचार्यों द्वारा भागवत की कथा के दौरान गाये जाने लगे,तो बहुत सम्बल मिला।इसी बीच स्थानीय गायकों से जुड़ गया,लगभग सभी बुन्देली गायकों के लिए सन् 1997 से वर्तमान में लिख रहा हूँ सभी बुन्देली विधाओं में।बीच बीच सम्मान मिलते रहे उत्साह बढ़ता गया और कारवाँ चलता गया।
दो वर्ष पूर्व सोशल मीडिया से जुड़ा और सभी काव्य विधाओं में लिखना शुरू किया। हालाँकि गीतों,भजनों की भूमिका बनाने के लिए शुरू में छंदों का प्रयोग किया करता था,पर स्वतन्त्र छंद कम ही लिखता था,पिछले एक वर्ष में ग़ज़लों और छंदों पर ज्यादा काम करना शुरू किया और आप सबके स्नेह ,आशीर्वाद से कई छंद शालाओं के माध्यम से सनातनी छंदों की गरिमामयी परम्परा को आगे बढ़ाने का प्रयास सतत जारी है।
प्रकाशित/अप्रकाशित पुस्तकें~
बुन्देली में कुछ रचनाएँ प्रकाशित हुई है, "चार चौकड़ियाँ"
"विवाह-गारी" "माई शारदा" "भजन संग्रह" "शिव-शक्ति" "हरदौल चरित्र"
"आल्हा-उदल"।
पत्र पत्रिकाओं में नियमित रचनाएँ प्रकाशित होती रहतीं हैं।कुछ साँझा संकलन "मेरी साँसे,तेरा जीवन" "ग़ज़ल इक जिज्ञासा" "एक पृष्ठ मेरा भी है" "साहित्यमेध" प्रकाशित हो चुके हैं,कुछ होने वाले हैं।
सम्मान~
आप सबका प्यार जो मिलता है वही सम्मान मेरे लिए अमूल्य है।जितने कभी सोचे भी नही थे उतने सम्मान आप सबके आशीर्वाद से प्राप्त हो चुके हैं और आप सबके स्नेह की भाँति अनुदिन ये संख्या बढ़ती जा रही है।
[11/16, 15:42]
***बेटी ***
जग में जिससे आशाओं की,
किरणें होती हैं जगमग,
है जगजननी धरा में वह,
सर्वत्र पूजते उसके पग,
शिक्षा के दीपक से ही,
उजियारा जीवन कर दो,
बेटा बेटी भेद न करना,
सपनों के संसार में मुझको,
पंख लगाकर उड़ने दो,
पवित्र रिश्तों के बंधन को,
संजोये हूँ मैं पग पग,
जग में जिससे आशाओं की,
किरणें होती हैं जगमग,
चूल्हा चाँकी दीया व बाती,
शिश उठाये हूँ मैं भार,
लेखनी की शक्ति दे दो,
मुझको जीने का अधिकार,
ज्ञान के दीपक से ही बेटी,
नाम अमर कर जायेगी,
गर्व से मात पिता का शीश,
होगा ऊंचा जग में अब,
जग में जिससे आशाओं की,
किरणें होती हैं जगमग,
आओ मानवता को संजोयें,
करो न कोख में अत्याचार,
बेटी अबला रहे न बनकर,
सपने इसके करें साकार,
भारत माता की सेवा में,
करूँ समर्पित अपना हर पग,
जग में जिससे आशाओं की,
किरणें होती हैं जगमग ,...||
...भुवन बिष्ट ,
[11/16, 15:42]
(हिन्दी हमारी शान)
हिन्दी न केवल बोली भाषा, ये हमारी शान है,
मातृभाषा है हमारी, ये बड़ी महान है,.....
चमकते तारे आसमां के , हैं भारत के वासी हम,
कोई चंद्र है कोई रवि, कोई यहां भी है न कम,
आसमां बनकर सदा, हिन्दी मेरी पहचान है,
हिन्दी न केवल बोली भाषा , ये हमारी शान है,
मातृभाषा है हमारी, ये बड़ी महान है,......
पूरब है कोई पश्चिम, कोई उत्तर है दक्षिण,
अलग अलग है बोलियां, पर एक सबका है ये मन,
अंग भारत के हैं सभी, पर हिन्दी दिल की है धड़कन,
एकता में बांधे हमको, इस पर हमें अभिमान है,
हिन्दी न केवल बोली भाषा, ये हमारी शान है,
मातृभाषा है हमारी, ये बड़ी महान है,........
बनी राष्ट्र भाषा राजभाषा, मातृभाषा भी बनी,
आओ इसको हम संवारें, हिन्दी के हम हैं धनी,
गर्व हिन्दी पर है हमको, एकता में जोड़े सबको,
आंकते कम हैं इसे जो, वे बड़े नादान हैं,
हिन्दी न केवल बोली भाषा, ये हमारी शान है,
मातृभाषा है हमा री, ये बड़ी महान है,........
.....भुवन बिष्ट
रानीखेत (उत्तराखण्ड)
(परिचय....)
नाम............भुवन बिष्ट
पिता का नाम...श्री पूरन सिंह बिष्ट
माता का नाम....श्रीमती राधा देवी
जन्म/जन्म स्थान....01 जुलाय ,(रानीखेत,उत्तराखण्ड)
स्थान / पता ..मौना (रानीखेत)
पो. चौकुनी (रानीखेत)
जिला - अल्मोड़ा
उत्तराखण्ड- 263645
ई.मेल..bhuwanbisht1131@gmail.com
मो.8650732824 (व्हटसअप नं)
शिक्षा..परास्नातक , बी.एड.
अन्य ..1.मास्टर इन कम्प्यूटर साप्टवेयर टैक्नोलौजी
2.डिप्लोमा इन हार्डवेयर टेक्नोलौजी एंड नेटवर्किंग
3.त्रैमासिक हर्बस प्रमाण पत्र
अन्य..1..निरंतर प्रतिष्ठित पत्र /पत्रिकाओं में कविता, लेख कहानी लेखन,/प्रकाशित..
सम्मान...१.अर्णव कलस एसोसिएशन द्वारा काव्य भूषण सम्मान
२.कु.भा. प्र. समिति कसारदेवी अल्मोड़ा उत्तराखण्ड द्वारा बाल कविता लेखन में पुरूस्कृत सम्मानित,
३.भारत विकास परिषद व हरफनमौला साहित्यिक संस्था द्वारा सम्मान,
४.विश्व रचनाकार मंच नई दिल्ली द्वारा हिन्दी सेवी सम्मान
५.सा.सं.संस्थान द्वारा चौपाई विशारद सम्मान
६.हास्य व्यंग कुमांऊनी कविता लेखन-२०१७ में सम्मानित
७.काव्य रंगोली साहित्यिक पत्रिका द्वारा काव्य भूषण-२०१७ से सम्मानित
अन्य..१.आकाशवाणी अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड )से रचनाओं का प्रसारण,
२. रेडियो स्टेशन कुमांऊ वाणी मुक्तेश्वर नैनीताल से रचनाओं का प्रसारण,
प्रकाशित पुस्तक- जीवन एक संघर्ष काव्य संग्रह,
प्रकाशन प्रतिक्षारत - बाल कविता काव्य संग्रह ,वंदना एंव कविता संग्रह, महान देवभूमि (हिन्दी) लेख संग्रह
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