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कृष्ण कुमार सैनी राजस्थान


मेरा परिचय🏽            
नाम-कृष्ण कुमार सैनी"राज"     
तखल्लुस~राज                  
मोबाइल~97855~23855
शिक्षा~एम ए(राजनीति विज्ञान से)
बी एस टी सी[जयपुर से]                     

जन्म तिथि~28.04.1995.                       
पिता-श्री कन्हैयालाल सैनी(पानवाले)      
माता का नाम~ श्रीमती रामली देवी सैनी
व्यवसाय- पिताजी द्वारा फूलों का डेकोरेशन

पता~मकान नम्बर-सी/२१, फूल सदन ,बजरंग मैदान के पास, मारुति कोलोनी,दौसा जिला~दौसा,राज्य~राजस्थान पि-303303

ईमेल आईडी~Krishandausa22@gmail.com                                                                                                   
             👇�रुचि 👇�
कविता,गजल,गीत,शायरी,मुक्तक,व्यंग्य लिखने का शौक है और भजन~कीर्तन सुनने का शौक है।
             📚📙✒📖 📝
          साहित्यिक उपलब्धियाँ

१.बीकानेर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन 2016{24.07.2016}में काव्य पाठ करने का और सम्मानित होने का सौभाग्य प्राप्त है।                                 
२.दौसा,राजस्थान में आयोजित विशाल कवि सम्मेलन2016{09~09~2016}में काव्य पाठ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।       

३.जयपुर,राजस्थान में 28 दिसंबर,2016 को आयोजित कवि सम्मेलन में काव्यपाठ एवं  चंचरीक स्मृति सम्मान  से सम्मानित होने का सौभाग्य प्राप्त है।

४. उत्तर प्रदेश के  सबसे बड़े जिले लखीमपुर खीरी में दिनांक 31जनवरी,2017 को काव्य पाठ करने का सौभाग्य और  माधव वाजपेयी स्मृति सम्मान* से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त है।

५.अयोध्या में आयोजित विश्व मैत्री सम्मेलन में कविता पाठ(15~16 अप्रैल,2017)और  युवा प्रतिभा सम्मान से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त है।

६.मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच {मगसम} द्वारा 16 अप्रैल,2017 को अयोध्या में रचना शतकवीर सम्मान से सम्मानित किया गया।

७.सिकन्दरा,दौसा में 15 जुलाई 2017कोआयोजित अखिल भारतीय विशाल हास्य कवि सम्मेलन में काव्य पाठ करने का व  कवि चौपाल सम्मान से सम्मानित होने का सौभाग्य मिला।

८.सखी साहित्य संस्था द्वारा 9जुलाई,2017 को हरियाणा में सखी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

९.आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था,रामपुर द्वारा 8 अगस्त,2017 को राष्ट्र सचेतक सम्मान से सम्मानित किया गया।

१०. राष्ट्रीय कवि चौपाल संस्था, बीकानेर(राज.) का दौसा,राजस्थान शाखा अध्यक्ष एवं संस्थापक हूँ।

११.श्री योग वेदांत सेवा समिति का सदस्य, इसके माध्यम से गरीबों के लिए भोजन,कपड़ा एवं आवश्यक वस्तुओं का वितरण एवं गर्मियों में जगह जगह पानी व शरबत की प्याऊ लगाना।

१२.पतञ्जलि योग पीठ हरिद्वार की दौसा शाखा सदस्य,जिसके माध्यम से बच्चों एवं बड़ों को योग सिखाने का कार्य एवं निःशुल्क वृक्ष वितरण।

१३.पक्षी बचाओ अभियान का सदस्य,जिसके माध्यम से घायल व बिमार पक्षियों का निःशुल्क इलाज करना।

१४. बेटी फाउंडेशन जयुपर द्वारा आयोजित अवार्ड शो में बेस्ट युवा कवि का अवार्ड प्राप्त है

१५.अनेक स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंच संचालन करने का सौभाग्य  प्राप्त है।                 
१६.सैनी समाज द्वारा कई जिलों में कई बार अलग अलग क्षेत्रों में सफलता मिलने पर सम्मानि

१७. अर्णव कलश एसोसिएशन के राष्ट्रीय साहित्य मिशन  कलम की सुगंध द्वारा हरियाणा स्वर्ण उत्सव पर 1 नवंबर 2017 को  बाबू बालमुकुंद हिंदी साहित्य सेवा सम्मान 2017 प्राप्त होने का सौभाग्य प्राप्त है।

मोबाइल97855~23855   
             हरि ओम

मेरी कविता~गौ माता
[दिनांक~28.08.16,समय~7.30am,
स्थान~जयपुर]

गाय हमारी माता है हम , इसकी लाज बचाएंगे !
मां के प्राणों की खातिर ,हम  अपने प्राण गवाएंगे !!

हैं तैतीस करोड़ देवता ,यहां धरा ये न्यारी है !
गौ माता के ऊपर पूरा देव लोक बलिहारी है!!

गाय विश्व की माता है यह , संत महात्मा कहते हैं !
गौ माता पर अत्याचारों ,को फिर हम क्यों सहते हैं !!

सरकारों को सत्कर्मों पर कदम बढ़ाना ही होगा!
गौ माता के क़त्लगाह सब बंद कराना ही होगा !!

बिना मोल के गौ माता हम सबको दूध पिलाती है !
शुद्ध दूध पीने से सबको सद्बुद्धि तब आती है* !!

सुन ले हर सरकार खोल कर,कान हमारी बातों को !
जो भूली है गौ गंगा को ,जन जन के जज्वातों को !!

गौरक्षा कानून हिन्द में , प्रबल बनाना ही होगा* !
भारत विश्व गुरु है जग को ,यह दिखलाना ही होगा !!

हम सब मिलकर आज *यही ,संकल्प दिलों में धारेंगे!
गौ माता की रक्षा में हम सभी मरें या मारेंगे!!

जय गौ माता जय हो भारत !
विश्व विधाता प्यारा भारत !!

कृष्ण कुमार सैनी 'राज'
दौसा,राजस्थान
मोबाइल~97855~23855
सदस्य संख्या-2724/2016

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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

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