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Showing posts from 2021

स्वागत गीत [स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् ]

स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् | स्वागतम् स्वागतम् स्वागतम् | आओ  सबका  करे स्वागतम् आओ मिलकर करें स्वागतम् | सब सुधिजन का है स्वागतम् सब प्रियजन का है स्वागतम् | सब गाओ स्वागत स्वागतम् सब गाओ स्वागत स्वागतम् | वंदन  है  प्रभु  का स्वागतम् अभिनंदन  जपो   स्वागतम् | जय-जय है सभी का स्वागतम् माँ शारदे  सुतों  का स्वागतम् |   ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

तुम फिर से आना डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

  तुम फिर से आना मन की बगिया में फूल खिल गया कोई !! दिल की बाते कहने को मिल गया कोई !!•••••• प्रेम के बंधन हमेशा निभाना, तुम फिर से आना तुम फिर से आना| जीवन की नैया को संग में चलाना तु...

सजल (गाना है) साहिल

           सजल {मधुर गीत मिल गाना है} समांत ~ आना है  मात्रा भार~ 14 इक दिन सबको जाना है, जीवन  एक   बहाना   है| जीने का कुछ मकसद हो, मर्म   यही   पहचाना   है| कर्म - धर्म  शुभ गंध  सदा, स...

प्यार की बात [गजल] ~ साहिल

           गज़ल़ 212  212  212  212       प्यार की बात प्यार की बात हमको सुनाओ जरा| हाल दिल का हमें भी बताओ जरा| रात  बेचैन सी  बस अभी कट रही, प्रेम का  दीप  मन में जलाओ जरा| आग तन में लगी है मु...

सावन गीत (साहिल)

         सावन  सावन  लगे   मन  भावन, गीत   मधुर   चलो   गायें, रिमझिम-रिमझिम बूँदें से, तन – मन चलो  भिगायें| रातें   कितनी   हैं  छोटी, बातों की  सौगात बनायें, सावन  में  दिल भ...

तिरंगा गीत {15/08/2021} साहिल द्वारा रचित

🇮🇳  तिरंगा  🇮🇳 देश भक्त की यही तमन्ना, भारती   तिरंगा  लहराए| जान   हमारी  चाहे  जाए, मगर तिरंगा झुक ना पाए| इसकी आन-बान में देखो, नौछावर कितने प्राण हुए| भारतवासी जन मानस का, सर्वदा   तिरंगा   शान   रहे| पुण्य गगन अरु पुण्य धरा पर, भारती   तिरंगा   लहराए | देश भक्त की यही तमन्ना, भारती   तिरंगा  लहराए| जान   हमारी  चाहे  जाए, मगर तिरंगा झुक ना पाए|| ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

रक्षाबंधन (2/08/2021)

        रक्षाबंधन भाई  से  कहती   है   बहना, सदा सुखी तुम हरदम रहना| जीवन के सब सुख पाना तुम, हर पल खुशियाँ बरसाना तुम| भाई  कहता  है   बहना  तुम, अपने  घर  का हो गहना तुम| सदा  स्...

तुम फिर से आना (साहिल)

      तुम फिर से आना मन की बगिया में फूल खिल गया कोई !! दिल की बाते कहने को मिल गया कोई !!•••••• प्रेम के बंधन हमेशा निभाना, तुम फिर से आना तुम फिर से आना| जीवन की नैया को संग में चलान...

प्रकृति संरक्षण (डॉ• राहुल शुक्ल साहिल)

              " प्रकृति संरक्षण" दिन के बाद रात आती है और रात का अंधेरा दिन के स्वर्णिम उजाले की उम्मीद लाता है | धरती का धीरज अम्बर के विस्तार का मुकाबला करता है | सर्वशक्तिमान ...

राम जगत का सार (अमृत ध्वनि छन्द) डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍            अमृत-ध्वनि छंद                       विधान अमृत-ध्वनि कुण्डलिया की तरह ही दोहे से प्रारंभ होता है और दोहे का चतुर्थ चरण इसका पंचम चरण बनता है पर...

जय – जय कार

🙏 _जय- जय कार हो_ 🙏 विजय  सदा  हर  बार  हो, सपने   सब   साकार  हो| सुखद  मधुर  विचार  हो, जीवन   में  आधार   हो| प्रति-पल मन में झंकार हो, सबकी  जय-जय कार हो| बस  एक  ही  पुकार  हो, तेरी...

आशा

आशा (HOPE ) पूरी होगी आपकी आशा, छँटेगी दिल की निराशा, मन में होगा जब अटूट, विश्वास श्रृद्धा और श्रम, चहुँ ओर फैलेगा उजाला, प्रकृति ही लाएगी जीवन माला, हरी भरी किसलय कलियों से, भर जाए...

कामना छन्द

           कामना छंद विधान~ नगण तगण रगण 111  221  212 यति 6, 3 वर्णों पर, प्रति चरण 9 वर्ण, मधुर  है   गान,  बाँसुरी| विकल है शक्ति,आसुरी|| सुखद है  कृष्ण,  दर्शना| विनय  से  नित्य, अर्चना|| सकल   ...

संकल्प विषय पर साहिल के दोहे

🌺🙏    संकल्प  🙏💐                दोहे संकल्पों  के  दीप  से, जगमग   होगा  देश| सेवा  अरु  सत्कार  का, फैले  चहुँ  सन्देश|| शब्द  साधना लेखनी, सिर  पर माँ  का  हाथ| संकल्पों  की  ...

पतंग (बाल कविता) डॉ• राहुल शुक्ल साहिल द्वारा रचित

🔸🔹   पतंग  🔸🔹       बाल कविता बन  पतंग  मैं उड़ जाता, जीवन  में खुशियाँ पाता, डोर पतंग की थामे कोई, संग -  संग   मेरे   गाता | फड़-फड़ करती अम्बर में, चिड़ियों  जैसे   उड़ती  है, जिस ओर  हवा चलती है, पतंग उसी  रुख मुड़ती है | लाल  सुरमई  सतरंगी, कितने  रंग  बदलती है, तितली रंग बिरंगी देखो, जैसे   रंग   बदलती  है | दुख पतंग जब कट जाए, नयी  पतंग  हम  पाते हैं, सभी  कष्ट  कट जाते हैं, नयी   उमंगे    लाते   हैं | ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

ककहरा काव्य

क से कामिनी ख से खुशबू ग से गीता, गीता देखे घड़ी- घड़ी| च से चमेली छ से छम- छम ज से जानकी  झ से झांक रही| ट से टिम-टिम तारे चमके, ठ से ठुमकती कामिनी, ड से देखो डोल रहा है मन का पंछी, ढम ढम ...

जीवन साथी से प्रेम

जीवन साथी से प्रेम तो सदैव ही मन को प्रफुल्लित और आत्मा को जागृत करता है, इस जगत में सिर्फ प्रेम ही ऐसी  भावना है, जो संसार के सभी कष्टों और दुखों को सहन करने की शक्ति और संबल प्...

स्कूल चलो अभियान एवं स्वच्छता से सम्बन्धित नारे

शिक्षा जीवन का आधार, मनुज  इसे करे  स्वीकार| नहीं  करेंगे अब ये   भूल, निशिदिन जाना है स्कूल| पढ़ेगें पढ़ाएंगे, विकसित हो जाएँगे| खाएंगे  पिएंगे, सेहत  बनाएँगे| दीपक  जैसी  रो...

हिन्दी साहित्य की नवीन विधाएँ

" हिन्दी साहित्य की नवीन विधाएँ " विधा का अर्थ है, किस्म, वर्ग या श्रेणी, अर्थात विविध प्रकार की रचनाओं को उनके गुण, धर्मों के आधार पर अलग- अलग विभाजित करना, नामकरण और वर्गीकरण ...