आशा (HOPE)
पूरी होगी आपकी आशा,
छँटेगी दिल की निराशा,
मन में होगा जब अटूट,
विश्वास श्रृद्धा और श्रम,
चहुँ ओर फैलेगा उजाला,
प्रकृति ही लाएगी जीवन माला,
हरी भरी किसलय कलियों से,
भर जाएगा मौसम,
सुन्दर प्रसूनों से सुगन्धित,
होगा हमारा तन -मन,
आभामण्डल और वातावरण,
आशा ही आशा होगी चारों ओर,
आशान्वित होगें सब मनु दल,
मुश्किलें होगी सब हल,
बस मिलजुल हमें रहना होगा,
विभन्नताओं की एकता में,
तभी होगा प्रफुल्लित भारत,
तभी होगा स्वस्थ भारत,
तभी आनन्दित एवं सुन्दर भारत,
जीवन की अहमियत को समझिए,
हमारे मन और तन की सामर्थ्य ही,
हमें संसार के किसी भी बाहरी कणों से,
बचा सकती है,
भय और व्याधि की जंजीरों को तोड़ फेंकिए,
बोलिए सब मिलकर साथ,
जीत हमारी ही होगी है ऐसा विश्वास,
जीत हमारी ही होगी है ऐसा विश्वास,
पूरी होगी आपकी हर आशा,
पूरी होगी मन की अभिलाषा,
बस एक ही जिज्ञासा,
जीवन हो सहज सार्थक||
डॉ• राहुल शुक्ल "साहिल" प्रयागराज उ• प्र•
मोबाइल ~ 9264988860
©️ साहिल
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