शिक्षा जीवन का आधार,
मनुज इसे करे स्वीकार|
नहीं करेंगे अब ये भूल,
निशिदिन जाना है स्कूल|
पढ़ेगें पढ़ाएंगे, विकसित हो जाएँगे|
खाएंगे पिएंगे, सेहत बनाएँगे|
दीपक जैसी रोशनी, हर घर में फैलाएंगे|
हर बच्चे को पढ़ा लिखाकर सेहतमंद बनाएँगे|
घर आंगन विद्यालय को हम मिलकर स्वच्छ बनाएँगे,
सब जन को साफ सफाई की महिमा बतलाएंगे|
बेटी - बेटा एक समान, पढ़ -लिखकर पाओ सम्मान |
लगन परिश्रम से मिले, जीवन में सुख शान|
तन - मन से सेवा करो, बन जाए पहचान||
सकल कर्म व कौशल से, बन जाता है योग|
सच्ची निष्ठा से मिले, सहज सुखद संजोग||
©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल
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