गीत (शृंगार)

गीत

शृंगार  लिखूँ  मैं  मेरे मन का,
अपने भावों के अन्तर्मन का|

फूलों   की   खुशबू   फैलाती,
मधुर- मधुर अहसास जगाती|

जीवन में खुशियाँ भर जाएँ,
जब  पग  तेरे  घर  में आएँ|

बाँह   पसारे  तुझे   निहारूँ,
लग जा  आके गले  पुकारूँ|

आलिंगन  है  सबसे  प्यारा,
जैसे   प्रेम  मिला  हो  सारा|

तू  जो  चाहे   वो   मैं  ले  दूँ,
खुशियाँ सारी तुझको  दे  दूँ|

©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

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