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Prayer of Sanjivani Welfare Society (Self financed non government organization)

🙏 ```SANJIVANI PLEDGE``` 🙏

By taking the nature of Almighty as a witness, we resolve to maintain the best health of ourselves and everyone.
  We will suggest measures to keep ourselves and other needy beings from disease. We will keep trying to provide complete health to all human beings in India through all types of medical disciplines.

Sanjivani family will always respect their families, elders and Gurus and will always take inspiration from their ideals.

भावार्थ ~

सर्वशक्तिमान प्रकृति को साक्षी मानकर हम अपने एवं सभी के उत्तम स्वास्थ्य को बनाए रखने का संकल्प करते हैं|

हम स्वंय एवं अन्य जरुरतमंद प्राणियों को रोग से बचे रहने के उपाय सुझाएँगे| भारतवर्ष के सभी मनुष्यों को सभी प्रकार की चिकित्सा विधाओं से  सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने का प्रयास करते रहेंगे|

          संजीवनी परिवार अपने परिजनों, बड़ो एवं गुरुजनों का सदैव आदर सम्मान करेगा एवं सदैव उनके आदर्शों से प्रेरणाएं लेता रहेगा|

  ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

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