प्यार की बात [गजल] ~ साहिल

           गज़ल़
212  212  212  212
      प्यार की बात

प्यार की बात हमको सुनाओ जरा|
हाल दिल का हमें भी बताओ जरा|

रात  बेचैन सी  बस अभी कट रही,
प्रेम का  दीप  मन में जलाओ जरा|

आग तन में लगी है मुहब्बत़ की जो,
प्रीत की  रीत  रग में जगाओ  जरा|

ताल तुझसे मिली मन बहकने लगा,
गीत मधुरिम सनम गुनगुनाओ जरा|

दूर  साहिल  नहीं  पास   बैठा  यहीं|
प्यार है  प्यार  को  आजमाओ जरा||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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